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उत्तराखण्ड

अल्मोड़ा- एक्शन में दिखे कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत, दिए यह निर्देश…

कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने आज अल्मोड़ा पहुंचकर विकास भवन सभागार में जनपद के विभिन्न विभागों द्वारा किये जा रहे विकास कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने पांच करोड़ रुपए लागत से ऊपर की लंबित विभिन्न योजनाओं, वन भूमि से संबंधित प्रस्ताव जो जनपद स्तर पर लंबित हैं, पिछले वर्षों में हुई सड़क दुर्घटनाओं, जल जीवन मिशन, जिला, राज्य, केंद्र तथा बाह्य सहायतित योजनाओं की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति एवं भूमि संबंधित दर्ज मामलों की समीक्षा की।

इस दौरान कुमाऊं आयुक्त ने सभी कार्यों की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति को लेकर सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी कार्यों को एक समयबद्धता के साथ पूर्ण करते हुए कार्यों की गुणवत्ता को बनाये रखा जाए। उन्होंने कहा कि यदि कार्यों को समय सीमा तथा गुणवत्ता के साथ नहीं किया गया तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई अमल में लायी जाएगी।

इस दौरान कुमाऊं आयुक्त ने वन भूमि हस्तांतरण के लंबित प्रकरणों को लेकर वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वन भूमि से सम्बन्धित सभी प्रकरणों का विवरण प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने कहा कि इन प्रकरणों में यदि किसी भी प्रकार की लापरवाही सामने आती है तो संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी। उन्होंने जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि सामग्री में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्रयोग किये जा रहे पाईपों की प्रेशर टेस्टिंग के लिए मुख्य विकास अधिकारी को जांच करने के निर्देश दिये।

उन्होंने कहा कि यह देखा जाए कि टेस्टिंग में फेल हो रहे पाईप को पानी की लाइनों में तो नहीं लगाया गया है, साथ ही उन्होंने यह भी जांच करने के निर्देश दिये कि पाईपों की जांच जिन लैबों में हो रही है, वह लैब मान्यता प्राप्त है या नहीं। पिछले पांच वर्षों में जनपद के अंतर्गत हुई सड़क दुर्घटनाओं की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि रोड सेफ्टी के जो भी मानक हैं, उन्हें पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में मुआवजा प्रक्रिया लंबित न रहे इसका विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिये।

भूमि संबंधी मामलों की समीक्षा के दौरान उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि एक हजार वर्ग मीटर या इससे अधिक क्षेत्रफल की भूमि में खरीद-फरोख्त समेत व्यवसायिक गतिविधियों पर खास नजर रखी जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि सड़कों या अन्य निर्माण कार्यों हेतु जो भूमि अधिग्रहण की जाती है तो भूमि स्वामी को मुआवजा समय से देना सुनिश्चित करें। इस दौरान आयुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण की 7वीं बैठक भी आयोजित की गयी। बैठक में 13 प्रस्तावों को प्रस्तुत किया गया जिसमें से 12 प्रस्तावों को बोर्ड द्वारा अनुमति प्रदान की गयी। इस अवसर पर जिलाधिकारी वन्दना, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार राय, मुख्य विकास अधिकारी अंशुल सिंह, प्रभागीय वनाधिकारी सिविल सोयम ध्रुव सिंह मर्तोलिया सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी द्वारा पाॅवर पांइट के माध्यम से सभी विभागों द्वारा किये जा रहे विकास कार्यों का प्रस्तुतीकरण किया गया।

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