उत्तराखण्ड
आखिर क्यों शिक्षा मंत्री धन सिंह ने जतायी नाराजगी,अधिकारियों को इस बात के लिये दिया 100 दिन का समय…
हल्द्वानी में राज्य के विद्यालय शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने सर्किट हाउस काठगोदाम में नैनीताल और उधम सिंह नगर जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की जिसमें दोनों जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारी से लेकर खंड शिक्षा अधिकारी मौजूद रहे बैठक के दौरान शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने अधिकारियों के प्रति अपनी नाराजगी भी जाहिर की है क्योंकि दोनों जनपदों में शिक्षा विभाग में कई सारी लापरवाही देखने को मिली कई स्कूलों में फर्नीचर नहीं है तो कई स्कूलों में बिजली, पीने का पानी अन्य कई चीजों की कमी है जिस पर मंत्री धन सिंह रावत ने अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए 100 दिन की अंदर सभी व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं, आरटीई के तहत 25% बच्चों को स्कूलों में एडमिशन देने की बात शिक्षा मंत्री द्वारा कही गई है तो वहीं कहीं स्कूलों में प्रवक्ताओं के भी पद खाली हैं जिसको भी जल्द भरने के निर्देश शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने दिए है, साथ ही उन्होंने निर्देश दिया है, वही बैठक में शिक्षा को बेहतर बनाने से ज्यादा खंड शिक्षा अधिकारी स्वयं के लिए गाड़ी दिए जाने की बात कह रहे हैं सभी खंड शिक्षा अधिकारी का कहना है कि उनके क्षेत्र में जाने के लिए सरकारी गाड़ी की आवश्यकता है जिससे शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाया जा सकता है मंत्री धन सिंह रावत ने सभी एसडीएम को प्राथमिक विद्यालयों में भोजन माताओं द्वारा बनाए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की जांच करने और बच्चों से भी संवाद स्थापित करने के निर्देश दिये वही बैठक में डीएम नैनीताल धीराज गर्भयाल ने पहाड़ी उत्पादों को स्कूलों में मिड डे मील में परोसे जाने पर भी अपना सुझाव दिया है उनका कहना है कि पहाड़ के स्कूलों में मिड डे मील में मंडवा झिंगुरा परोसे जाने को कहा, साथ ही हाई स्कूल तक हॉर्टिकल्चर और कृषि के विषय को बढ़ावा दिए जाने के साथ ही कुमाऊनी और गढ़वाली भाषा को प्रमोट करने की बात उनके द्वारा कही गई है तो वही कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी को भी स्कूली शिक्षा में शामिल करने पर अपना सुझाव मंत्री धन सिंह रावत को दिया है