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उत्तराखण्ड

हल्द्वानी – मोदी सरकार को बचाने का है ये बजट, सरकार की कमजोरी और अस्थिरता का उदाहरण है यह बजट : नेता प्रतिपक्ष

हल्द्वानी में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह देश की तरक्की का बजट नहीं, बल्कि मोदी सरकार को बचाने का बजट है। पूरा बजट सरकार की कमजोरी और अस्थिरता का उदाहरण है। शहरी विकास, ग्रामीण विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग, एमएसएमई, निवेश, ईवी स्कीम – सिर्फ दस्तावेज, नीतियां, विजन, समीक्षा आदि पर चर्चा हुई है, लेकिन कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई है।
श्री आर्य ने कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र से कई विचार बजट में शामिल किए गए हैं। लेकिन वे विचार अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी से निपटने के लिए हमारे प्राथमिक उपचार उपाय थे, जो मुसीबत के समय में तत्काल राहत देते थे। अर्थव्यवस्था और रोजगार की सेहत को पूरी तरह सुधारने के लिए जो नई नीतियां जरूरी हैं, वे कहीं नजर नहीं आ रही हैं! नीतिगत सुधारों के बिना चुनौतियां खत्म नहीं होंगी।
उन्होंने कहा कि सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण में चिंता जताई गई थी कि एआई सभी कौशल सेट और रोजगार के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा है, लेकिन क्या बजट में इसका कोई समाधान नजर आया? नहीं! चीन से आयात ऐतिहासिक स्तर पर बढ़ गया है, जिससे एमएसएमई सेक्टर जबरदस्त संकट में है। इस दिशा में कोई समाधान खोजने का प्रयास? नहीं! निजी कॉलेजों की ऊंची फीस के कारण उच्च शिक्षा आम लोगों की पहुंच से बाहर होती जा रही है, इसका कोई समाधान है? नहीं!
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि दुनिया के 100 सबसे प्रदूषित शहरों में से 83 अब भारत में हैं। इस दिशा में कोई समाधान खोजने का प्रयास? नहीं! 2015 में मोदी सरकार ने 2023 तक 40 करोड़ युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा था। 2024 तक केवल 1.37 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित किया गया। अब इस विफलता का विश्लेषण किए बिना अगले पांच वर्षों में 4.1 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य घोषित किया गया है। शेष 90 प्रतिशत युवाओं का क्या होगा? पता नहीं!
नेता प्रतिपक्ष ने पूछा कि 2021 के बजट में 500 शीर्ष कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप देने का वादा किया गया था। 5000 रुपये प्रति माह वजीफा देने की भी घोषणा की गई थी! उसका क्या हुआ? दो साल पहले बजट में सबसे बड़ी घोषणा 100 लाख करोड़ रुपये की गतिशक्ति योजना थी। वह योजना कहां खो गई, आज उस पर कोई चर्चा नहीं हो रही! क्यों?
श्री आर्य ने कहा कि 2021-2025 के बीच 6 लाख करोड़ रुपये की नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन की घोषणा की गई थी। यह इस चार वर्षीय योजना का आखिरी बजट है। क्या आज के बजट में आपको इसकी सफलता या असफलता के बारे में कोई जानकारी मिली? नहीं!
उन्होंने कहा कि कोविड के बाद के बजट में प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के तहत 17,778 ग्रामीण और 11,024 शहरी वेलनेस सेंटर, 602 अस्पतालों में क्रिटिकल केयर यूनिट की घोषणा की गई थी, उसका क्या हुआ?
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बजट में कोई योजना नहीं है, और भाजपा केवल जनता को ठगने की कार्यवाही में व्यस्त है।

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