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उत्तराखण्ड

उत्तराखंड- पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के ट्वीट का क्या मतलब निकालेगी प्रदेश कांग्रेस… आप भी पढ़िए…

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत धरातल के साथ साथ सोशल मीडिया पर भी लगातार एक्टिव रहते हैं, उनकी हर सोशल मीडिया की पोस्ट पर पूरे उत्तराखंड के साथ साथ केंद्रीय नेतृत्व की नज़र रहती है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा फिर एक पोस्ट सोशल मीडिया अकाउंट पर डाली जिससे राजनैतिक गलियारों में हलचल पैदा हो गई है। कुछ इस तरह हरीश रावत ने लिखा…

समाचार पत्रों और ध्वनि मीडिया द्वारा कल श्री Pritam Singh जी से मेरी मुलाकात पर बहुत कुछ कहा गया है। सार्थक तौर पर कहा है। श्री प्रीतम सिंह हमारे आज और भविष्य, दोनों हैं। एक अत्यधिक प्रभावी नेता हैं, उनके पिता ने मेरी उंगली पकड़ कर मुझे उत्तर प्रदेश की नेतृत्व पंक्ति में सम्मिलित होने के लिए प्रेरित किया। मेरे राजनैतिक जीवन के प्रत्येक उतार-चढ़ाव में श्री पीतम मेरे साथ रहे हैं। एक छोटा सा कालखंड दुखद अपवाद बन गया। मैं उस अपवाद का हल नहीं निकाल पाया। श्री Karan Mahara कांग्रेस की आकांक्षा हैं, कठोर परिश्रम व साहस उनकी पूंजी है और ये गुण उनके आकर्षक व्यक्तित्व को प्रभावी बनाते हैं, उनके स्वर्गीय पिता मेरे पहले राजनीतिक संरक्षक रहे। अदम्य साहस और चुनौती से टकराने की उनमें अद्भुत क्षमता थी। राजनीति में उन्होंने घर फूंक तमाशा देखा।

एक के बाद एक हार भी उनको निश्चय से डिगा नहीं पाई, है न श्री करण की एक प्रभावी पृष्ठभूमि? श्री Yashpal Arya कांग्रेस की सामाजिक न्याय की सोच के प्रतीक पुरुष हैं। जब वो कांग्रेस में नहीं थे तो मैं बड़ा अधूरापन महसूस करता था। लाखों नजरें उन पर टिकी हुई हैं, बड़ी धरोहर हैं। श्री Ganesh Godiyal कहीं भी खड़े हो जाएं तो प्रतिद्वंदी को निशस्त्र कर देने की क्षमता रखने वाले, एक बड़ी सूझ-बूझ वाले नेता हैं, मन मोहने वाले गोदियाल हैं‌, कांग्रेस को जोड़ने के लिए गौंद भी हैं, शायद इसीलिए गौंदियाल हैं। मुझ पर थोड़ा भारी पड़े, मगर कांग्रेस के लिए कल भी, आज भी और आने वाले कल भी अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं और रहेंगे। कुछ कल के खेवनहार भी तैयार हो रहे हैं। मैं राजपाल, वैभव, मोहित, ललित, हरीश, प्रकाश, सुमित, रवि, अन्नू आदि में ऐसी ही संभावनाएं देख रहा हूं। मेरा पुत्र आनंद भी जो मैंने कभी कहा था, “कल फिर आएंगे नगमों की कलियां चुनने वाले, मुझसे बेहतर कहने वाले, तुमसे बेहतर सुनने वाले”, वो उन बेहतर कहने वालों में है जो उत्तराखंडियत को लेकर गहरी सोच और संवेदना रखते हैं। आनंद प्रारंभ से ही तर्कशील रहे हैं और अपने तरीके से रास्ता बनाते हैं। लीक-लीक सब चलें, बे लीक चलें सिंह साही सपूत। उत्तराखंड को लेकर उनकी अपनी सोच है। सारी विपरीत परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने का साहस उनमें होना चाहिए क्योंकि वो मेरे पुत्र हैं।

2017 से 2022 तक मेरे मन में एक अधूरे सपने को पूरा करने का मंतव्य था। 5 साल और उत्तराखंड की औसत प्रति व्यक्ति आय 11 लाख के पार। आप सबने देखा कि वर्ष 2014 से 2016-17 तक किस प्रकार हमारी सरकार ने भयंकर रूप से आपदा ग्रस्त राज्य की प्रति व्यक्ति वार्षिक औसत आय को ₹71,000 से बढ़ाकर ₹1,73,000 तक पहुंचाया। उम्र के इस पड़ाव पर मैं उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था के भावी स्वरूप पर समय आने पर शनै-शनै अपनी सोच जरूर समाज के सामने रखना चाहूंगा। राजनीति में कभी बहुत सारी चीजों को बस कहना पड़ता है और जिस पार्टी के पास सक्षम लोगों की इतनी बड़ी कतार हो तो कोई उनको प्रोत्साहित करने वाला भी तो चाहिए, मेरी भूमिका नियति ने जरूर लिखी होगी, मैं उसे ही आगे बाचूंगा।

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