उत्तराखण्ड
टीकाकरण को लेकर स्वास्थ्य महकमे का गड़बड़झाला, कर रहा है आकड़ो की बाज़ीगरी…
स्वास्थ्य विभाग टीकाकरण के नाम पर बड़ी गड़बड़ी कर रहा है, मामला हल्द्वानी का है। जिला स्वास्थ्य विभाग रोजाना आठ हजार से अधिक लोगों को टीके लगाकर केंद्रों और टीके की संख्या रोज जारी कर रहा है। टीकाकरण सेंटर पर लोगों की शाम तक भीड़ देखने को मिलती है, जो कि जानबूझकर टीके की गति को धीमा किया जा रहा है।
स्वास्थ्य महकमा प्रतिदिन टीकाकरण केंद्र और वहां लगने वाले टीके की संख्या जारी कर रही है। यह बता रहें हैं कि किस टीकाकरण सेंटर पर कौन से टीके लगाए जाएंगे, जिसकी लिस्ट आम आदमी को भी जारी की जाती है। लिस्ट के अनुरूप आम लोग टीकाकरण केंद्र पहुंचते हैं और टीका लगाते हैं।
आजकल दिक्कत आ रही है कि टीकाकरण सेंटर में दोपहर के बाद बंद किया जा रहा है। यह बात की जा रही है कि टीका खत्म हो गया है और लोग वापस अपने घरों को बैरंग लौट जाते हैं। अगर हकीकत देखे तो एक दिन में उपलब्ध कराए जा रहे सभी टीके नहीं लग पा रहे हैं। केवल कुछ ही टीके लगाकर स्वास्थ्य महकमा अपनी वाहवाही लूट रहा है।
26 जुलाई को स्वास्थ्य विभाग द्वारा 8100 टीके लगाने के दावे किए गए थे, जिसमें से 3450 टीके लगाए गए।
27 जुलाई को 8600 टीके लगाने के दावे हुए थे, जिसमें से 4088 टीके लगाए गए।
28 जुलाई को 8000 से अधिक टीके लगाने की बात हुई और 2899 लोगों को टीके लगाए गए।
आंकड़े जिला स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड के अनुसार हैं, डेढ़ लाख लोग अभी तक टिके से वंचित हैं। जनपद के अंदर अभी तक 06 लाख लोग टीके लगवा चुके हैं, अभी डेढ़ लाख बालिक ऐसे हैं, जिनको कोविड-19 टीका नहीं लगा है। जिले में अभी तक 1.40 लाख लोगों को भी के दोनों डोज लगाए गए हैं। जबकि 4.60 लाख लोग ऐसे हैं, जिनको को वैक्सीन का दूसरा टीका अभी लगना बाकी है।
ऐसे में स्वास्थ्य विभाग इस तरह से टीकाकरण करेगा तो तीसरी लहर में हालत बिगड़ सकती है, प्रदेश की धामी सरकार तो मुक्त वैक्सीन का जगह-जगह प्रचार कर रही है, लेकिन उनका ही स्वास्थ्य महकमा पर्याप्त वैक्सीन को ही नहीं लगा पा रहा है। जिससे सरकार के खोखले दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं।