उत्तराखण्ड
हल्द्वानी: जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने को SDM ने जारी किए निर्देश
हल्द्वानी क्षेत्र में जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्रों की प्राप्ति को लेकर लगातार आ रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए उपजिलाधिकारी हल्द्वानी राहुल शाह ने नई व्यवस्था लागू कर दी है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि अब ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में संबंधित पंजीकरण अधिकारी ही आवेदन स्वीकार करेंगे और निर्धारित समय सीमा के भीतर प्रमाणपत्र जारी करेंगे।
उपजिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि कई आवेदकों द्वारा सीधे उपजिलाधिकारी कार्यालय में आवेदन किया जा रहा है, जबकि यह प्रक्रिया पंजीकरण अधिकारी स्तर पर ही पूरी की जानी चाहिए। इससे न केवल जनता को अनावश्यक परेशानी हो रही है बल्कि शासन की प्रतिष्ठा भी प्रभावित हो रही है।
ग्रामीण क्षेत्र में यह होगी प्रक्रिया
जन्म या मृत्यु के 21 दिन के भीतर ग्राम पंचायत सचिव को आवेदन देने पर बिना शुल्क प्रमाणपत्र मिलेगा।
30 दिन तक की देरी पर ₹20 शुल्क के साथ प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा।
30 दिन से 1 वर्ष तक की देरी पर ₹50 शुल्क व तहसीलदार के आदेश से प्रमाणपत्र बनेगा।
1 वर्ष से अधिक की देरी पर ₹100 शुल्क, साक्ष्य व शपथपत्र के साथ उपजिलाधिकारी के अनुमोदन से प्रमाणपत्र निर्गत होगा।
नगर निगम/नगर पालिका क्षेत्र में 21 दिन के भीतर नगर स्वास्थ्य अधिकारी या अधिशासी अधिकारी को आवेदन देना होगा।
21 से 30 दिन की देरी पर ₹20, 30 दिन से 1 वर्ष तक ₹50, और 1 वर्ष से अधिक देरी पर ₹100 शुल्क लिया जाएगा।
1 वर्ष से अधिक की देरी पर शपथपत्र और साक्ष्य के साथ एसडीएम के अनुमोदन से प्रमाणपत्र जारी होगा।
एसडीएम ने सभी अस्पतालों, नर्सिंग होमों के प्रभारियों को निर्देशित किया कि वे अपने संस्थान में जन्म या मृत्यु की सूचना 21 दिन के भीतर संबंधित पंजीकरण अधिकारी को दें। सार्वजनिक स्थल पर हुई मृत्यु की सूचना देना थाना प्रभारी या ग्राम प्रधान की जिम्मेदारी होगी। सूचना न देने की स्थिति में संबंधित के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की जाएगी।
उपजिलाधिकारी राहुल शाह ने स्पष्ट किया कि पंजीकरण अधिकारी अपने स्तर पर ही कार्यवाही करें और आवेदन सीधे एसडीएम कार्यालय न भेजें। आदेशों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।









