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हल्द्वानी- लो जी… अब नेता जी बन गए भू-माफिया, अधिकारियों की मिलीभगत से डकार गए 55 बीघा जमीन… डीएम ने दिए जांच के आदेश

उत्तराखण्ड

हल्द्वानी- लो जी… अब नेता जी बन गए भू-माफिया, अधिकारियों की मिलीभगत से डकार गए 55 बीघा जमीन… डीएम ने दिए जांच के आदेश

Haldwani news जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल को रविशंकर जोशी निवासी ग्राम बसन्तपुर पोस्ट किशनपुर गौलापार द्वारा अपने शिकायती प्रार्थना पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि सिलिंग सीमा से अधिक भूमि को भू-माफियाओं के नाम वर्ग 1(क) श्रेणी में दर्ज करने तथा उक्त भूमि की खरीद-फरोख्त में करोड़ों के कालेधन के प्रयोग सम्बन्धी पत्र उपलब्ध कराते हुये कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

जिस पर जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल द्वारा शिकायती पत्र को गम्भीरता से लेते हुये जांच हेतु तीन सदस्यों की टीम गठित की गई है जिसमें मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी (प्र0) तथा उपजिलाधिकारी को उक्त समिति में नामित किया गया है। उन्होंने गठित समिति के सदस्यों को निर्देश दिये हैं कि 10 दिनो के भीतर अपनी जांच आख्या कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने को कहा है। दरअसल आरटीआई एक्टिविस्ट रविशंकर जोशी ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर कहा है कि गौलापार कुंवरपुर के पास 55 बीघा जमीन पर राजनेताओं व बड़े कारोबारियों ने जमीन को सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर खुर्द खुर्द का किया है।

हल्द्वानी के कालाढूंगी चौराहा स्थित एक निजी रेस्टोरेंट में प्रेस वार्ता करते हुए रविशंकर जोशी ने कहा कि सारे सरकारी नियमों को ताक में रखते हुए सीलिंग एक्ट का उल्लंघन करते हुए तत्कालीन अधिकारियों ने करोड़ों रुपए के राजस्व का सरकार को चूना लगवाने का आरोप लगाते हुए भू माफियाओं के साथ सांठगांठ करके सरकारी भूमि की बंदरबांट की बात कही। रविशंकर जोशी ने तत्कालीन समय के अधिकारियों तथा भू माफियाओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि कैसे 55 बीघा जमीन एक व्यक्ति ने अनजान व्यक्ति को दान में दे दी और उसी अनजान व्यक्ति ने 1 महीने बाद 7 लोगों के नाम पर पूरी जमीन रजिस्ट्री करा दी। इस पूरे मामले में तत्कालीन अधिकारियों की मिलीभगत बताई गई है।

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यही नहीं इस जमीन को विनियमितीकरण करने में भी बड़ा खेल हुआ है। 55 बीघा जमीन में विनियमितीकरण के लिए सरकार को एक पैसे का भी राजस्व नहीं मिला। आवेदन कर्ता ने ₹10 के स्टांप में यह लिख कर दिया है कि उन्होंने शुल्क जमा कर दिया है और तत्कालीन अधिकारियों को यह जांचने की भी जहमत नहीं उठाई, कि शुल्क जमा हुआ है या नहीं हुआ है और उसी के आधार पर जमीन को विनियमितीकरण करने की कार्रवाई की गई। आरटीआई कार्यकर्ता रविशंकर ने बताया की जिन सात लोगों के नाम रजिस्ट्री करवाई गई है वह सब रसूखदार हैं या फिर उनके परिवार के लोग हैं। कांग्रेस और भाजपा के भूमाफियाओं का गठजोड़ सरकार के राजस्व को करोड़ों का चूना लगा चुके हैं। फिलहाल अब जिलाधिकारी द्वारा जांच बैठा दी गई है।

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