उत्तराखण्ड
हल्द्वानी- गौलापार की ढाई हजार हेक्टियर खेती पर जल संकट, किसानों की समस्या समझने के लिए ग्राउंड जीरो पर पहुंचे कमिश्नर दीपक रावत
Haldwani news बीते साल अक्टूबर माह में आई दैवीय आपदा से काठगोदाम बैराज से गौलापार क्षेत्र में जाने वाले सिंचाई नहर क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिससे गौलापार क्षेत्र के किसानों पर सिचाई का संकट हो गया, साथ ही लगातार किसानों द्वारा सिंचाई विभाग के अधिकारियों से लेकर डीएम तक निरीक्षण कराने को लेकर गुहार लगाई गई थी।
लेकिन बजट की कमी के चलते नहर पर काम नहीं किया जा सका, आज कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ क्षतिग्रस्त नहर का स्थलीय निरीक्षण किया गया, इस दौरान उन्होंने काठगोदाम के गौला बैराज से निकलने वाली नहर से लेकर लीसा फैक्ट्री के पास तक सिंचाई नहर को बारीकी से देखा, इस दौरान नहर का एक हिस्सा दैवीय आपदा में बह गया था, जिसे आगे किस तरह से बनाया जा सकता है।
उसको लेकर अधिकारियों से बातचीत की गई, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने कहा कि उनके द्वारा इस संबंध में 21 लाख रुपए भी विभाग को जारी किए गए थे, ताकि वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में नहरों से सिंचाई हो सके और किसानों को पानी मिल सके, क्योंकि गौलापार क्षेत्र में 2 हजार हेक्टेयर भूमि में खेती होती है, ऐसे में सिंचाई की काफी जरूरत होगी, उन्होंने कहा कि जो इससे डैमेज हुआ है, उसे दोबारा बनाने से एक बार फिर टूटने का खतरा बना रहेगा, ऐसे में पाइप के जरिए पानी को निकाला इसका एस्टीमेट बनाने को लेकर कहा गया है। जिसमें करीब 5 करोड़ से अधिक खर्चा आएगा, इस संबंध में शासन के उच्च अधिकारियों को बताया जाएगा ताकि जल्द से जल्द सिंचाई नहर को ठीक कर, खेतों में पानी सिंचाई के लिए छोड़ा जा सके।