उत्तराखण्ड
हल्द्वानी: फर्जी प्रमाणपत्र के जरिए प्रवासी की भूमि बिक्री का मामला, कमिश्नर दीपक रावत ने दिए जांच के निर्देश

हल्द्वानी: रामनगर के पीरूमदारा क्षेत्र में फर्जी प्रमाणपत्रों के माध्यम से एक प्रवासी भारतीय की भूमि बेचे जाने के गंभीर मामले पर आयुक्त एवम सचिव मुख्यमंत्री दीपक रावत ने सख्त रुख अपनाया है। यह मामला हाल ही में समाचार पत्रों के माध्यम से सामने आया था, जिसमें आरोप लगाया गया कि विदेश में निवास कर रहे एक परिवार की भूमि को फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेच दिया गया। कुमाऊं आयुक्त ने जिलाधिकारी नैनीताल को निर्देश दिए हैं कि मामले की गहराई से जांच के लिए एक समिति गठित की जाए। उन्होंने कहा कि यदि जांच में आरोप सत्य पाए जाते हैं, तो दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। रावत ने स्पष्ट किया कि भूमि से जुड़ी धोखाधड़ी के मामलों में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाएगी।
जनसुनवाई में उठे कई गंभीर मामले
आयुक्त दीपक रावत ने जनसुनवाई के दौरान विभिन्न शिकायतों को भी गंभीरता से लिया। दुबई (यूएई) निवासी एक महिला ने शिकायत की कि हल्द्वानी की करायल तहसील में स्थित उनकी 2959 वर्गफीट भूमि पर नया बाजार, पिथौरागढ़ निवासी एक व्यक्ति ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। महिला ने भूमि को कब्जा मुक्त कराने की मांग की। इस पर आयुक्त ने उपजिलाधिकारी हल्द्वानी को तत्काल जांच कर आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
गरमपानी निवासी एक वृद्ध महिला ने बागवाली पोखर (बगड़) स्थित अपनी पैतृक भूमि में वारिसन पति का नाम दर्ज कराने की मांग रखी। आयुक्त ने उपजिलाधिकारी को तथ्यात्मक जांच कर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए। एक अन्य मामले में शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने एक लाख रुपये ब्याज पर लिए थे, जिसे मूलधन सहित चुका दिया गया है, लेकिन फिर भी ऋणदाता द्वारा लगातार अतिरिक्त राशि की मांग की जा रही है। इस पर आयुक्त ने सभी संबंधित पक्षों को अगली जनसुनवाई में तलब करने के निर्देश दिए, ताकि निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जा सके। आयुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि बिना लाइसेंस के ब्याज पर पैसे देना कानूनन अपराध है, और यदि कोई ऐसा करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी।







