उत्तराखण्ड
शून्य सत्र तबादला: अपने ही आदेश का उल्लंघन करती धामी सरकार, नियमित शिक्षकों के नहीं बल्कि गेस्ट शिक्षकों के कर दिये तबादले…
सत्ता मेंं आने के बाद भाजपा की प्रदेश सरकार ने बड़े-बड़े दांवे किये लेेकिन सारे दांवे सिर्फ हवा-हवाई साबित हुए। उन्हीं में सेे एक है जीरो सत्र तबादला। असल में राज्य सरकार ने कोर्ट की वजह से एक सत्र शून्य तबादला घोषित किया हुआ है। बकायदा सत्ताधारी सरकार ने मुख्य सचिव की ओर से एक आदेश भी जारी करवाया था। लेकिन खुद ही अपने आदेश की अवेहलना कर दी। शिक्षा विभाग की ओर से दो गेस्ट टीचरों के तबादले कर दियेे जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है।
उत्तराखंड में शून्य तबादला सत्र घोषित किए जाने से राजकीय शिक्षक संघ लगातार शिक्षकों के तबादलों की मांग करता आ रहा है। बकायदा संगठन की ओर से कई बार शासन व विभागीय मंत्री को अवगत कराया जा चुका है। अगर सरकार ने तबादलों के लिए नियम बनाया है तो उसका पालन करते हुए शिक्षकों के तबादले किये जाने चाहिए। अगर सरकार द्वारा अनिवार्य तबादले नहीं किए जा सकते तो धारा 27 के तहत गंभीर बीमार शिक्षकों के तबादले किये जाय। लेकिन सरकार नियमित शिक्षकों कके तबादले नहीं कर रही है।
हैरानी की बात यह है कि शिक्षा विभाग की ओर से इन सब नियमों को ताक पर रखकर गेस्ट टीचरों के तबादले कर दिए गए हैं। है ना गजब की सरकार। विभागीय सूत्रों की माने तो गेस्ट टीचरों को व्यवस्था पर रखा गया है। ऐसे में एक स्कूल से दूसरे स्कूल में तबादले नहीं किए जा सकते है। लेकिन सत्ताधारी सरकार में विभाग नियमों की अनदेखी कर रहा है।
अब आपको बताते है शून्य तबादले की हकीकत। दरअसल अल्मोड़ा जिले में कार्यरत शिक्षिका का 13 जून को तबादला कर दिया गया। माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से जारी आदेश के अनुसार राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज जमुई जिला अल्मोड़ा क जीव विज्ञान की शिक्षिका का तबादला राजकीय इंटर कॉलेज देहरादून में कर दिया गया जबकि देहरादून में कार्यरत शिक्षिका का तबादला अल्मोड़ा किया गया है। इस तबादले के आदेश में अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की और अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा कुमाऊं मंडल की सिफारिश पर दोनों शिक्षिकाओं के तबादले किए गए हैं। ये है धामी सरकार का शून्य सत्र तबादला।