उत्तराखण्ड
यमकेश्वर- “गेंद मेला” लोक परंपरा को जीवंत बनाए रखने का देता है संदेश: हेमंत द्विवेदी
पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में मकर संक्रांति के अवसर पर आयोजित थल नदी का ऐतिहासिक गेंद मेला इस बार भी स्थानीय लोगों और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा। मेले के अंतिम दिन उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हेमंत द्विवेदी ने मेले में भाग लेते हुए इसके महत्व पर प्रकाश डाला।उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार ने इस मेले को राजकीय मेला घोषित किया है और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। मेले के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह मेला अजमीर पट्टी और उदयपुर पट्टी के बीच हुए ऐतिहासिक संघर्ष की स्मृति में आयोजित होता है, जिसमें नाली गांव की गिंदोरी नामक महिला की दुखद कहानी जुड़ी है।गेंद मेले के दौरान दोनों पट्टियों के लोग प्रतीकात्मक संघर्ष में गेंद को जीतने का प्रयास करते हैं, जो इस क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत और सामूहिक भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है। हेमंत द्विवेदी ने कहा कि मेले को संरक्षित करने और इसे पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करने के लिए वह जल्द मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे।उन्होंने कहा कि इस सांस्कृतिक आयोजन को भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक धरोहर के रूप में संजोने की आवश्यकता है। साथ ही, यमकेश्वर क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।