उत्तराखण्ड
अक्सर सवालों पर तिलमिलाने वाले त्रिवेंद्र रावत आखिर क्यों हुए शालीन… ये कैसा बदलाव…
जब किसी के पास से सत्ता की पावर हटती है तो वह किस तरह से बदल जाता है वह कोई पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से पूछे, त्रिवेंद्र रावत जब राज्य के मुख्यमंत्री हुआ करते थे तब अक्सर पत्रकारों के सवालों पर वह तिलमिला उठते थे, क्योंकि वह पत्रकारों द्वारा किये गए सवालों के जबाव देने में हमेशा असहज हो जाते थे।
त्रिवेंद्र रावत के हाथों से उत्तराखंड की सत्ता गई, जिसके बाद से त्रिवेंद्र ने अचानक यू-टर्न ले लिया। अब पत्रकारों के सवालों का जवाब इस तरह दे रहे हैं, जैसे लगता है की वह कितने शालीन और जमीनी होंगे, जबकि हकीकत कुछ और है। त्रिवेंद्र अक्सर सत्ता की हनक में कई पत्रकारों को जेल की सलाखों के पीछे भिजवा चुके हैं, हिटलरशाही का आलम इस कदर था की पत्रकार की कलम को तोड़ने और उनके ऊपर ज़बरन फर्जी मुकदमें लाद कर जेल भेजने का काम किया गया था।
आज हल्द्वानी पहुंचे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने पत्रकारों के सवालों का जवाब शालीनता से देना समझा, क्योंकि अब वह मुख्यमंत्री नहीं रहे। उन्होंने हरिद्वार कुंभ में कोविड टेस्ट में हुए फर्जीवाड़े पर जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष के आरोपों से कुछ नहीं होता, मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं, जांच में जो भी दोषी होंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी, वही खुद को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के सवाल पर कहा कि शायद भाजपा आलाकमान ने उनके लिए कोई दूसरी जिम्मेदारी रखी है।