उत्तराखण्ड
रानीबाग पुल में आवाजाही शुरू होते ही श्रेय लेने की होड़ में जुटे सफेदपोश…
कुमाऊं भर में जाने वाले लोगों के लिए राहत भरी बात या रही है की 6 जनपदों को एक दूसरे से जोड़ने वाला रानीबाग का पुल अब छोटे और हल्के वाहनों के लिए खोल दिया गया है। सोमवार की सुबह पुल की दीवार क्षतिग्रस्त होने के चलते पुल का एक हिस्सा नदी में समा गया था।
जिसके चलते पूरे कुमाऊँ मंडल की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित हो गया थी, जिसके चलते क्षेत्र के लोगों और काश्तकारों के सामने बड़ा संकट पैदा हो गया था। काश्तकार भीमताल से देवीधुरा के रूट से होकर अपने उत्पाद को मंडी फसल को पहुंचा रहे थे। वही आने जाने वाले लोगों का सफर भी महंगा हो गया था, पुल को बनाने में पीडब्ल्यूडी विभाग ने 12 मीटर ऊंची दीवार तैयार की जिसे शुक्रवार देर रात 11:00 बजे पूरा कर लिया गया था, शनिवार सुबह भी काफी संख्या में हल्के छोटे वाहन भीमताल की तरफ जा रहे थे।
लेकिन पुल के दोबारा से खुलने का श्रेय लेने की होड़ मच गई है, भाजपा के पूर्व दर्जा राज्यमंत्री इस पुल को खोले जाने का श्रेय लेने की होड़ में बने हुए हैं। वही कांग्रेस और अन्य दलों के लोग भी श्रेय लेने में पीछे नहीं है। जबकि इस पुल के दोबारा शुरू होने के पीछे श्रेय पुल निर्माण में लगे मजदूर और ठेकेदार का हैं। जिन्होंने दिन-रात एक कर इस पुल को दोबारा से हल्के और छोटे वाहनों के लिए शुरू किया है।
पीडब्ल्यूडी विभाग के जेई कमल पाठक व ठेकेदार महेंद्र मेहता ने यह दावा किया था, कि 23 जुलाई की देर शाम तक वह हल्के वाहनों के लिए पुल को खोल देंगे। लगातार हो रही बारिश के चलते पहाड़ के ऊपरी हिस्से से पानी और मिट्टी गिर रही थी, जिससे मजदूरों की जान का खतरा बना हुआ था।
लेकिन जिस तरह से पीडब्ल्यूडी की जेई और ठेकेदार ने कुमाऊ की जनता से यह वादा किया था, कि पुल को 23 जुलाई की शाम तक खोल दिया जाएगा। उन्होंने अपना वादा पूरा कर दिखाया है, पुल को हल्के व छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया है। लेकिन भाजपा के पूर्व दर्जा मंत्री से लेकर कांग्रेस और अन्य दलों के लोग पुल को खोलने का श्रेय लेने में जुटे हैं।