उत्तराखण्ड
भाजपा मेंआखिर चल क्या रहा : सरकार के विरोध में स्वयं सहायता समूह को पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र ने दिया समर्थन
आखिर उत्तराखंड में भाजपा के अंदर ये सबकुछ क्या चल रहा है। पार्टी कुछ भी बोले लेकिन अंदर का गुबार फूटकर बाहर निकल रहा है। इससे पहले कार्यकर्ताओं का इस्तीफा हो या फिर विधायक के खिलाफ बगावत के सुर। सब कुछ भाजपा में ही हो रहा है। बीते दिनों पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एक बयान दिया कि उन्हें सीएम पद से हटाने का निर्णय गलत था जिसके बाद सियासी भूचाल आ गया। अब पूर्व सीएम के एक बयान ने भाजपा में खलबली मचा दी है। सरकार के विरोध में उतरे महिला स्वयं सहायता समूहों को त्रिवेन्द्र रावत ने समर्थन दिया है।
ऐसे में भाजपा के अंदर हलचल मची हुई है। विगत दिनों दो तीलू रौतेली पुरस्कार विजेताओं ने अपने पुरस्कार वापस कर दिये थे जिसका कारण था कि सरकार स्वयं सहायता समूहों से टेक होम राशन का काम छिनकर टेंडर जारी कर बड़ी कंपनियों को दे रही है।जिसके बाद इस नई व्यवस्था का विरोध कर रहे महिला स्वयं सहायता समूहों का धरना जारी है। अब इन्हीं समूहों को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का समर्थन मिला है।
पूर्व सीएम यहीं नहीं रूके। त्रिवेंद्र ने कहा कि समूहों की मांग जायज है। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का ध्यान आकृष्ट कराया। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि टीएचआर की जो प्रक्रिया पहले से चल रही है, उसे जारी रखा जाए। पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के समय भी उन्होंने टीएचआर की टेंडर प्रक्रिया रुकवाई थी। वर्तमान में करीब डेढ़ लाख महिलाएं टीएचआर के वितरण से जुड़ी हैं।
उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था के तहत टेंडर होंगे तो संबंधित कंपनी को जगह-जगह स्टोर बनाने होंगे। राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए स्टोर से आंगनबाड़ी केंद्रों तक पोषाहार पहुंचाना कठिन होगा। त्रिवेन्द्र रातव ने कहा कि वर्तमान में महिला समूहों से जुड़ी महिलाओं के साथ ही राजनीतिक हित में टीएचआर की व्यवस्था में बदलाव उचित कदम नहीं होगा।