उत्तराखण्ड
पहाड़ो में बड़ रही पर्यटकों की भीड़ से केंद्र सरकार की बड़ी चिंता… हाईकोर्ट ने क्या कहा…
कोविड की दूसरी लहर कमजोर पड़ते ही पर्यटक पहाड़ो की तरफ रुख तेजी से करने लगें हैं। हिल स्टेशनों में पर्यटकों द्वारा कोविड के नियमों का पालन नही किया जा रहा है, यह हम नहीं कह रहें हैं, स्वास्थ्य मंत्रालय की चिंता है। साथ ही उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने नैनीताल व मसूरी समेत अन्य पर्यटक स्थलों पर उमड़ी भीड़ को लेकर फटकार लगाते हुए सरकार से जवाब मांगा है।
कोरोनकाल में लंबे समय से कैद लोग अब उत्तराखण्ड और हिमांचल के पर्वतीय इलाकों में प्राकृतिक सौन्दर्य व मौसम का लुफ्त उठाने आ रहें हैं। कोविड को लेकर सरकार द्वारा पावंदी की ढिलाई के बाद उत्तराखण्ड के नैनीताल व मसूरी हिल स्टेशन इन दिनों पर्यटकों से पूरी तरह पैक है।
उत्तराखंड एवं हिमाचल हिल के हिल स्टेशन मैं दिल्ली चंडीगढ़ उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र हरियाणा राजस्थान समेत कई राज्यों के पर्यटक प्रकृति के बीच मंत्रमुग्ध हो रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ने पर पाबंदियां कम होते ही मैदानी क्षेत्र के लोग हिल स्टेशनों की तरफ रुख करने लगे हैं।
हिल स्टेशनों से जो तस्वीरें सोशल मीडिया पर तैर रही हैं, उनमें लोगों द्वारा बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं दिख रहा है, केंद्र सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि अगर कोविड-19 नियमों का पालन नहीं किया गया, तो फिर से पाबंदियां लगाई जा सकती है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा ‘अब तक कोरोना की दूसरी लहर से निपटने में मिली बढ़त को कोरोनावायरस प्रोटोकॉल तोड़ने वाले लोग खत्म कर सकते हैं’ साथ ही उन्होंने कहा कि ‘लोग हिल स्टेशनों का रुख करने लगे हैं,
कोरोना प्रोटोकॉल का भी ऐसे लोग पालन नहीं कर रहे हैं, यदि ऐसा होता है तो फिर हम अब तक दी गई ढील को वापस ले सकते हैं’ उन्होंने कहा कोरोना की दूसरी लहर अभी गई नहीं है यह अब भी सीमित स्वरूप में हमारे बीच मौजूद है।
उन्होंने कहा कि देश में कोरोना अपडेट केसों की संख्या अब पांच लाख से भी कम रह गई है। इस बीच देशभर में मिल रहे कोरोना के नए केसों की रफ्तार में कमी देखने को मिल रही है, बीते सप्ताह मैं कोरोनावायरस प्रतिदिन औसत नए केसों में 13 फ़ीसदी तक की कमी देखने को मिली है।
देश में अब कुल 91 जिले ही ऐसे हैं, जहां हर दिन 100 से ज्यादा नई केस मिल रहे हैं। 4 मई को यह आंकड़ा 531 जिले का था, स्वास्थ्य मंत्रालय की ब्रीफिंग में बताया गया कि देश के 90 जिले ही ऐसे हैं, जहां देश भर के 80 फ़ीसदी के करीब केस मिल रहे हैं।