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उत्तराखण्ड

दिल्ली: लक्की बिष्ट के वीडियो ने बंगाल और बांग्लादेश में मचाया भूचाल, कट्टरपंथियों को मिला करारा जवाब

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नई दिल्ली/कोलकाता/ढाका: भारत के पूर्व खुफिया अधिकारी, लेखक और फिल्मकार लक्ष्मण सिंह उर्फ लक्की बिष्ट एक बार फिर सुर्खियों में हैं। हाल ही में जारी किए गए एक वीडियो में उन्होंने पश्चिम बंगाल में बढ़ते कट्टरपंथ और बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ पर खुलकर बयान दिया है। लक्की बिष्ट ने चेतावनी भरे शब्दों में कहा: “अगर इस आग को अभी नहीं रोका गया, तो जल्द ही ये पूरे देश को अपनी चपेट में ले लेगी।”

उनके इस वीडियो ने न केवल देशभर में बहस छेड़ दी है, बल्कि बांग्लादेश में भी कई कट्टरपंथी संगठनों में हलचल मचा दी है। बांग्लादेश के विवादास्पद मौलवी जस्मुद्दीन रहमानी ने लक्की बिष्ट पर इस्लाम विरोधी टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ फतवा जारी करने की बात कही है। लक्की बिष्ट ने इन धमकियों पर दो टूक प्रतिक्रिया दी। उनका बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें उन्होंने कहा: “हर दिन मेरे पास सैकड़ों फतवे आते हैं। मैं उन काग़ज़ों पर थूकता भी नहीं जिनमें मेरा फतवा लिखा हो।
मैं किसी धर्म का विरोधी नहीं, पर देशविरोधियों का सबसे बड़ा दुश्मन हूँ।”

उन्होंने यह भी कहा कि सच बोलने से अगर फतवे मिलते हैं, तो उन्हें मंज़ूर है, क्योंकि वह न किसी पार्टी के एजेंट हैं, न किसी मजहबी एजेंडे के हिस्सेदार — वह सिर्फ़ एक जागरूक भारतीय हैं जो देश की अखंडता के लिए आवाज़ उठाना अपना कर्तव्य मानते हैं।

वीडियो सामने आते ही सोशल मीडिया पर #LuckyBishtTruth, #BengalCrisis, और #TruthVsTerror जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। लाखों यूज़र्स ने लक्की बिष्ट के बयान का समर्थन किया और उन्हें “सच्चाई का सिपाही” बताया। वहीं दूसरी ओर कुछ कट्टरपंथी गुटों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए।

बांग्लादेश के कुछ धार्मिक गुटों ने लक्की बिष्ट के बयान को लेकर नाराजगी जताई है, जबकि वहाँ के कई बुद्धिजीवी और युवा सोशल मीडिया पर यह स्वीकार कर रहे हैं कि उनके सवालों में दम है। कई यूज़र्स ने कहा : “बिष्ट ने जो कहा, वह कड़वा ज़रूर है, लेकिन झूठ नहीं है।”

लक्की बिष्ट का वीडियो सिर्फ़ एक बयान नहीं, बल्कि एक चेतावनी है — उन ताक़तों को जो धार्मिक कट्टरता की आड़ में देश की नींव को खोखला करने का सपना देख रहे हैं। उनके शब्द स्पष्ट हैं: “जो आग मैंने देखी है, उसमें तुम्हारे जैसे हज़ारों जल चुके हैं। मेरी आवाज़ न गोली से डरती है, न फतवे से। सच बोलना मेरा हक़ है — और ये मैं करता रहूँगा।”

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