उत्तराखण्ड
उत्तराखंड- गज़ब हो गया… भालू को ऐसे बताया गया चोर, सोशल मीडिया पर पुलिस की उड़ने लगी खिल्ली, फिर पुलिस ने किया यह काम
उत्तराखण्ड के किस्से तो आपने बहुत ही सुने होंगे, एक नया किस्सा जो आपको अचंभित कर देगा, रुद्रप्रयाग पुलिस ने शीतकाल के दौरान केदारपुरी में चोरी के एक मामले में भालू को चोरी के लिए दोषी बताया तो लोगों ने इसका मजाक बना डाला।सोशल मीडिया पर ऐसे कमेंट आ रहे हैं कि पुलिस को अपनी ही पोस्ट डिलीट करनी पड़ी, केदारनाथ में बचे कुचे कुछ धर्मशालाओं और भवनों में हर साल दरवाजे खिड़कियां चोरी हो रही हैं, ऐसे में एक दो बार नहीं बल्कि 8 साल चोरी की घटनाएं होती रही हैं, लोग इसकी लगातार शिकायत पुलिस के पास कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने ठोस कदम नहीं उठाया।
केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित अंकित सेमवाल ने बताया कि जून 2013 की आपदा के बाद जब से पुनर्निर्माण कार्य शुरू हुआ, तब से लगातार कपाट बंद होने के बाद चोरी की घटनाएं होती रही हैं, शीतकाल में लोग अपने घर की तरफ चले जाते हैं, इसी वजह से चोर फायदा उठा कर चोरी की घटना को अंजाम देते हैं। ग्रीष्मकालीन में प्रशासनिक लोगों की खासी मौजूदगी रहती है, लेकिन शीतकाल में केदार धाम के कपाट बंद होने के दौरान पुनर्निर्माण कंपनी का स्टाफ, मजदूरों के अलावा सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस आदि भी केदारपुरी में मौजूद रहते हैं, ऐसे में केदारपुरी के भवनों सामान की चोरी, तोड़फोड़ सवाल खड़े कर रही है, पीड़ित का कहना है कि भवन की खिड़की तोड़कर डीजल, कंबल राशन चुराकर कमरे को तहस-नहस किया गया है, जिसकी रिपोर्ट थाने में भी दर्ज की गई है। लेकिन पुलिस का सही रिस्पांस नहीं मिला, पुलिस ने रातों-रात जांच कर एक भालू को चोर बता दिया, जिसके बाद सोशल मीडिया पर पुलिस ने भी यह बात कही, लोगों ने पुलिस का काफी बड़ा मजाक उड़ाया जिसके बाद पुलिस ने अपनी पोस्ट डिलीट करने में खुद की भलाई समझी।