उत्तराखण्ड
धामी सरकार की किरकरी, प्रदेश की दो महिलाओं ने लौटाया तीलू रौतेली पुरस्कार
सत्ताधारी लाख दांवे कर ले लेकिन जमीनी हकीकत सबके सामने है। चयन से ही विवादों में रहे तीलू रौतेली पुरस्कार को लेकर एक बड़ी खबर सामने आयी है। अब दो महिलाओं ने तीलू रौतेली पुरस्कार वापस कर दिया। इससे शासन से लेकर सत्ता तक में हडक़ंप मच गया है। प्रदेश के विकासनगर और सहसपुर में महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ी दो महिलाओं ने तीलू रौतेली पुरस्कार उत्तराखण्ड सरकार को वापस कर दिया है। इसके वापस करने की जो हकीकत सामने आयी उससे सरकार की पोल खोलकर रख दी है।
तीलू रौतेली पुरुस्कार वापस करने वाली दो महिलाओं का कहना है कि एक तरफ सरकार महिलाओं के उत्थान की बात करती है जबकि दूसरी ओर उनका रोजगार छीना जा रहा है। प्रदेश से तीलू रौतेली अवॉर्ड वापस करने वाली महिलाओं में गीता मौर्य और श्यामा देवी का नाम शामिल है। जिसके बाद सरकार में हडक़ंप मच गया। बता दें कि गीता मौर्य को 8 अगस्त 2020 को उत्कृष्ट स्वयं सहायता समूह शक्ति के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया था । इसके अलावा साल 2018 में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने भी उन्हें सम्मानित किया था। गीता मौर्य का कहना है कि यह यह सम्मान उनके द्वारा चलाए जा रहे स्वयं सहायता समूह के लिए दिया गया था।
वहीं श्यामा देवी को दो दिन पूर्व यानी 8 अगस्त 2021 को ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। लेकिन प्रदेश की दुर्गति देखिये दो दिन बाद महिला ने श्यामा देवी भी ने अपना तीलू रौतेली अवॉर्ड वापस कर दिया है। वह महिला स्वयं सहायता समूह चलाती हैं। उन्होंने कहा कि जिस काम के लिए उन्हें केंद्र और राज्य सरकार ने प्रोत्साहन और सम्मान दिया गया। उसी काम आज उनसे छीना जा रहा है। महिला बाल विकास विभाग में टेक होम राशन की प्रक्रिया अब तक महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से चलाई जाती थी। लेकिन कुछ ही दिन पहले महिला बाल विकास विभाग ने टेक होम राशन के लिए ई- निविदा जारी की है। टेंडर के माध्यम से कंपनियों को आमंत्रित किया गया है।
दोनों महिलाओं का कहना है कि उनका रोजगार छीना जा रहा है। उन्होंने कहा कि टेक होम राशन की योजना को ठेके पर देने के बाद उत्तराखण्ड में चलने वाले सभी स्वयं सहायता समूह का अस्तित्व खतरे में है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर अपना सम्मान लौटा दिया। उन्होंने इस टेंडर प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की थी। इससे पहले धामी सरकार महिलाओं के चयन को लेकर विवादों में रही है अब दो दिन बाद महिलाओं ने पुरस्कार वापस कर दिया। ऐसे में धामी सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है।