उत्तराखण्ड
एक प्यार ऐसा भी होता है… बेजुबां जानवरों के ये दोस्त उनकी जरूरतों का रखते हैं ख्याल…
शहर में यूं तो पशुप्रेमी कोविड काल में आवारा जानवरों की देखभाल व भोजन की व्यवस्था कर ही रहें हैं। कुछ संस्थाए मीडिया में छपने के लिए ही सही पर इस बहाने सेवाभाव उनके मन में पैदा हो रहा है। हालांकि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो निस्वार्थ प्रेम भाव के चलते इन बेजुबान जानवरों के दोस्त बन गए हैं और उनकी देखभाल की जिम्मेदारी उठा रहे हैं। ऐसी ही एक बानगी हैं हल्द्वानी के मंगल पड़ाव के रहने वाले गगन कोहली।
गगन के पशु प्रेम से प्रेरित होकर शहर के अन्य युवाओं में पशु सेवाभाव आने लगा है। गगन पब्लिसिटी से बचते हैं, पर उनकी निश्वार्थ सेवा देख लोग उनकी तारीफ करते नहीं थकते हैं। वह शहर की गलियों में आवारा कुत्तों के भोजन एवं चिकित्सीय उपचार का प्रबंध करते हैं। गगन चाहे खुद नॉनवेज नहीं खाते हों, पर जानवरों के लिए रोजाना नॉनवेज उपलब्ध कराते हैं। लॉकडाउन के चलते जिस दिन नॉनवेज का प्रबंध नहीं होता तो वह बाल्टी भर दूध में ब्रेड व पेडिग्री देकर कुत्तों के खाने की व्यवस्था करते हैं। अपनी कमाई का एक हिस्सा वह उन बेजुबानों के लिए सुरक्षित रखतें हैं, जिनका ध्यान कोई नहीं देता है।
गगन कहतें हैं बेजुबानों की सेवा करने में एक अलग सा सुकून महसूस होता है। वह कहते हैं अगर हम अपने जीवन में अच्छे कार्य जोड़ेंगे तो उसका योग भी बेहतर ही होगा, यानी हमारा कर्म ही हमारे फल का आधार होता है। सेवा मन से होगी तो परिणाम भी आपके मन-मुताबिक होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि वह चाहते हैं कि आने वाली नई पीढ़ी सेवा भाव और हमारी पारम्परिक रीति-रिवाजों को संजोए और उनका संरक्षण करें, ताकि उनकी आने वाली पीढ़ियों को वह भी कुछ देकर जाएं।