उत्तराखण्ड
आम आदमी पार्टी प्रवक्ता के बिगड़े बोल, कहा उत्तराखण्ड में जनता की हालत कुत्तों जैसी…

सस्ती बिजली को लेकर एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर चल रही डिबेड में आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता द्वारा उत्तराखण्ड की जनता को संबोधित करते हुए, आपत्तिजनक शब्दावली का प्रयोग किया गया। देवभूमि की जनता सीधी व सच्ची के साथ साथ स्वाभिमानी है।
उत्तराखण्ड की जनता में इस टिप्पणी को लेकर आम आदमी पार्टी के खिलाफ गुस्सा हैं। जिसके बाद राजनीति कुछ इस तरह गर्म होने लगी कि पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय महासचिव कांग्रेस हरीश रावत द्वारा अपनी फेसबुक वॉल पर इस टिप्पणी की निंदा करते हुए उत्तराखण्ड वासियों से माफी मांगने की बात कही है।
डिजिटल न्यूज़ पोर्टल पर चल रही बहस में बात शुरू तो प्रदेश में मुफ्त बिजली से हुई थी, बहस में आप पार्टी की प्रवक्ता महोदया ये भूल गई थी, वह उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता कि तुलना कुत्तों से करने लगी, उन्होंने साफ तौर पर उत्तराखण्डियों की दशा होटल्स के बाहर खड़े कुत्तों जैसी बताना, अपने आप में एक कष्ट पहुचाने वाली टिप्पणी है।
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ताओं के बड़बोले बयान उनकी मंशा को जाहिर करता है, कि वह देवभूमि में रहने वाली देवतुल्य जनता को कितनी गम्भीरता से लेते हैं। अभी तो आम आदमी पार्टी द्वारा उत्तराखण्ड में जमीन तलाशने का कार्य किया जा रहा है, शुरुआत ही निचले स्तर के ख्यालातों से पार्टी के भविष्य को दर्शाता है।
आगमी चुनाव में प्रतिभाग करने वाले सभी राजनीतिक दलों को अब समझना होगा कि बड़े-बड़े सपने दिखाकर जनता बार-बार बहकावे में नहीं आती है, जवाब जनता खुद देगी। राज्य के युवाओं का साफ कहना है कि उन्हें मुफ्त का कुछ नहीं चाहिए, हमें रोजगार चाहिए तांकि जिससे हम खुद सक्षम हो जाये।
जब राज्य की जनता को रोजगार व स्वरोजगार मिलेगा, उस दशा में उसे किसी भी तरह का मुफ्तखोरी नहीं चाहिए। जाहिर है आम आदमी पार्टी पहाड़ की मेहनतकश जनता को मुफ्त की आदत डालकर उनको अपना गुलाम बनाने की ओर काम कर रही है।
आम आदमी पार्टी को यह समझना चाहिए कि यह देवभूमि की जनता किसी को अगर सम्मान देती है तो जल्द नज़रों से भी गिरा देती हैं। भौगिलिक रूप से दिल्ली और उत्तराखण्ड में जमीन आसमान का फर्क है। वोट की राजनीति में जनता पर अभद्र टिप्पणियों का होना आम आदमी पार्टी के लिए शुभ संकेत नहीं हैं।







