उत्तराखण्ड
चर्चित जमीनी विवाद पहुंचा सीएम पुष्कर धामी के घर, महिला ने मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का लगाया आरोप।
चर्चित जमीनी विवाद अब मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के घर जा पहुंचा है। पुष्कर धामी इन दिनों दिल्ली राजधानी दिल्ली दौरे पर हैं, मुख्यमंत्री से गुहार लगाने पहुंची महिला को सीएम के परिजनों द्वारा न्याय दिलाने का आश्वासन दिया गया है।
हल्द्वानी के तिकोनिया स्थित जमीनी विवाद का मामला अब थमता नजर नहीं आ रहा है। महिला द्वारा आरोप लगाते हुए कहा गया कि जमीन पर काबिज लोगों द्वारा उसे प्रताड़ित किया जा रहा है। जबकि महिला द्वारा उपजिलाधिकारी न्यायालय में 229बी का वाद जीत लिया गया है।
काबीज पक्ष की तरफ से सत्ताधारी कैबिनेट मंत्री के गुर्गे समेत कई भू-माफियाओं द्वारा गुपचुप तरीके से संरक्षण दिया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक संरक्षण देने के एवज में सत्ताधारी दल के नेताओ द्वारा करोड़ों का हेर-फेर भी किया गया है।
उधर महिला मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के घर खटीमा पहुंच गई, मुख्यमंत्री दिल्ली दौरे पर होने के चलते महिला द्वारा अपने जमीन के दस्तावेज परिजनों को दिखाए गए, जिसके बाद परिजनों द्वारा आश्वासन दिया गया कि उचित कार्रवाई जरूर होगी।
पिछले 45 सालों से न्यायालय में चल रहे 36 बीघा जमीन का मामला अब तूल पकड़ता नजर आ रहा है। कुछ माह पूर्व एसडीम कोर्ट से फैसला खटीमा निवासी व पूर्व प्रधान कमला चंद्र के पक्ष में हुआ था, कमला चंद्र जो पहली बार अपनी जमीन पर कब्जा लेने गई तो दबंगों ने उसके साथ मारपीट करने व चारदीवारी को गिराने लगे।
चारदीवारी के निर्माण के लिए रेता-बजरी समेत अन्य सामान तक फेंक दिया, इधर बीते गुरुवार को जब महिला द्वारा पुलिस और प्रशासन की सुरक्षा में तार-बाड़ करवाया जा रहा था, तो अचानक पुलिस और प्रशासन मौके से चले गए। इसके बाद दबंगों ने उनके द्वारा हो रहे चारदीवारी व बाढ़ को उखाड़ फेंका।
यह सब दूसरे पक्ष के इशारों पर किया गया था, क्योंकि दूसरे पक्ष के साथ सत्ताधारी दल के सफेदपोशो का संरक्षण मिल चुका था, महिला को जब लगा कि मामला दिन प्रतिदिन उलझता जा रहा है, उस स्थिति में महिला न्याय की गुहार लगाने के लिए सीएम के आवाज जा पहुंची।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के परिजनों से बात करते हुए उसने बताया कि वह दबंगों व जमीन पर काबिज लोगों को संरक्षण देने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जा सके। सूत्रों की माने तो संघठन स्तर पर भी विवादित जमीन के मामले में कैबिनेट मंत्री व उनके खास, जिनकी भूमिका संदिग्ध है उनकी जांच की जा रही है।