गढ़वाल
चौतरफा घिरी धामी सरकार, आखिर क्यों पंडा-पुरोहितों ने पीएम मोदी को भेजा खून से लिखा पत्र
प्रदेश की धामी सरकार चौरतफा घिरा नजर आ रही है। एक ओर पार्टी में गुटबाजी सामने आ रही है तो दूसरी ओर प्रदेश में आशाकर्ताओं का विरोध चल रहा है। वहीं अब देवस्थानम् बोर्ड को भंग करने के लिए पंडा पुरोहितों ने मोर्चा खोल दिया है। जिसे पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र रावत ने ऐतिहासिक फैसला बताकर ढोल बजाया था उसी फैसले पर अब नये सीएम पुष्कर सिंह रावत घिरते नजर आ रहे है। अब पुरोहितो ने पीएम मोदी को खून से खत लिखकर भेजा है। प्रदेश में बिजली विभाग, आशा कार्यकर्तांओं के बाद अब पुरोहितों ने जिस प्रकार से आवाज उठाई है उससे धामी सरकार पूरी तहर से घिरती हुई नजर आ रही है।
पंडा पुरोहित लगातार केदारनाथ धाम में धरनाप्रदर्शन कर रहे है। आगामी 17 अगस्त से प्रदेश भर में धामी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल का फैसला है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चारधाम के पंडा पुरोहतों ने देवस्थानम् बोर्ड भंग करने के लिए ख़ून से ख़त लिखकर दखल की मांग की है। अपने खून से ख़त में चारधाम में चली आ रही सनातन परंपराओं को बचाने की गुहार लगाई है।
अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित युवा महासभा और श्री केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी के हस्ताक्षर वाले इस रक्त रंजित पत्र में लिखा गया है कि राज्य सरकार द्वारा देवस्थानम बोर्ड बनाने का कदम सनातन धर्म की पौराणिक परंपराओं के साथ छेड़छाड़ है। पुरोहितों के हक, हुकूकों के साथ जबरन खिलवाड़ किया जा रहा है। अब तीर्थ-पुरोहित 23 अगस्त से होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र में बोर्ड भंग करने का मार्गप्रशस्त करने की मांग पर अड़े हैं।
वहीं सीएम धामी के लिए विपक्षी पार्टियां में चुनौती बनते जा रहे है। अब देवस्थानम बोर्ड को भंग करने के लिए आप और कांग्रेस पाटी्र समेत कई दलों ने समर्थन दिया है। ऐसे में धामी सरकार को आने वाले दिनों में कड़ी चुनौतियों को सामना करना पड़ सकता है।