उत्तराखण्ड
धामी राज में आख़िर क्यों दर-दर भटक रहा स्वतंत्रता सेनानी सुंदरलाल बहुगुणा का परिवार…
स्वतंत्रता सेनानी व देश के मशहूर पर्यावरणविद एवं पद्मभिभूषण स्वर्गीय सुंदरलाल बहुगुणा की पत्नी स्वतंत्रता सेनानी की पेंशन को लेकर पिछले ढाई महीने से इधर-उधर भटक रही है। जिनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है, यह मामला उत्तराखंड सरकार के अधीन है, जबकि केंद्रीय पेंशन योजना में ऐसी कोई समस्या नहीं है।
उत्तराखंड सरकार द्वारा इनके पेंशन से जुड़े कागजात एक बार खो दिए गए हैं। दोबारा उनके परिजनों के द्वारा पेंशन के कागज जमा कराए गए, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो पाई है। सुंदरलाल बहुगुणा देश का उन चुनिंदा लोगों में से एक है, जिन्होंने पर्यावरण के क्षेत्र में बहुत से काम किए हैं। ऐसे में उनके परिजनों को पेंशन के लिए भटकाना नाकारा सिस्टम और प्रदेश की भाजपा सरकार की कार्यशैली को दर्शाता है। स्व. सुंदरलाल बहुगुणा के पुत्र राजीव नयन बहुगुणा द्वारा कुछ इस तरह सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा व्यक्त की है।
स्वतंत्रा सेनानी व पर्यावरणविद् स्व. सुंदर लाल बहुगुणा की फेसबुक पोस्ट से बयां होती निकम्मे सिस्टम की कहानी….
कुछ शर्म बाक़ी है ? मेरे स्वर्गीय पिता सुंदर लाल बहुगुणा की स्वाधीनता सेनानी पेंशन उनकी मृत्यु के ढाई महीने बाद भी मेरी मां के नाम स्थानांतरित न हो सकी । यह उत्तराखण्ड प्रदेश का मामला है । केंद्रीय पेंशन में कोई समस्या नहीं आयी ।
एक बार ज़िला ट्रेज़री ऑफिस ने हमारे दिए कागज़ात खो दिए । दुबारा दिए तो कोई उत्तर नहीं ।
कल से 18 बार कलेक्टर ऑफिस फ़ोन कर चुका । कभी साहब इंस्पेक्शन में हैं , कभी मीटिंग में हैं ।
भाई कलेक्टर , मीटिंग में हो , या ईटिंग और चीटिंग में हो , जो एक स्वाधीनता सेनानी के प्रकरण पर बात करने के लिए आधा मिनट नही निकाल सकते ।
क्या यह किसी के इशारे पर जान बूझ कर किया जा रहा ? अब हमे पेंशन नहीं चाहिए । कितना बेइज़्ज़त करोगे ?