उत्तराखण्ड
हल्द्वानी- बरसाती नालों पर पॉश कॉलोनियों का अतिक्रमण, जिससे शहर में होता है जलभराव
हल्द्वानी शहर निवासी इन दिनों बरसात होने के बाद भारी जलभराव से जूंझ रहें हैं। जलभराव की मुख्य वजह है भूमाफियाओं द्वारा किया गया अतिक्रमण, प्राकृतिक रूप से बरसात में बहने वाले नाले के ऊपर पॉश कॉलोनियों का अतिक्रमण हो गया है। हल्द्वानी की कुछ पॉश कॉलोनियां हैं, जिनका इस बरसाती नाले पर अतिक्रमण है, टेढ़ीपुलिया तक नाले का रूप आपको साफ देखने को मिलता है, टेढ़ीपुलिया पार करते ही एमआईटीआई परिसर के बाद यह नाला विलुप्त हो जाता है, फिर जिसे आप संजय कॉलोनी से राजपुरा तक खुले रूप में देख सकते हैं, यह नाले को पॉश कॉलोनियां बसाने वाले प्रॉपर्टी डीलर हजम कर गए हैं। यह बरसाती नाले का सरकारी मानचित्र में उल्लेख भी है, उसके बाद प्रशासन मौन है। आपको बता दें जलभराव की मुख्य वजह जल निकासी के मुख्य नाले में अतिक्रमण बताया जा रहा है। जलभराव की समस्या से जनता लंबे समय से जूझ रही है।
काठगोदाम में बेरीखत्ता के पास से बहने वाला एक बड़ा प्राकृतिक नाला निकलता है। इस नाले में बरसात में भद्दयूनी के पहाड़ और दमुवाढुगा क्षेत्र का भारी मात्रा में पानी बहता है। यह नाला बेरीखत्ता से शुरू होकर एलआईसी लालगली, हाइडिल गेट, टेढ़ीपुलिया, एमआईटीआई, वैशाली कॉलोनी, कृष्णाकुंज, संजय कॉलोनी, विवेकानंद स्कूल, सुभाष नगर, तिकोनिया कैंट, राजपुरा एरिया होते हुए गौला नदी में मिलता है। लेकिन अतिक्रमण के कारण यह नाला आधे में ही बाधित हो जाता है। इस नाले का प्रवाह बेरीखत्ता से हाइडिल कॉलोनी तक ठीक है। उसके बाद पहला अवरोध टेढ़ीपुलिया में है। टेढ़ीपुलिया के पास नाले में भारी भरकम अतिक्रमण होने के कारण वहां पानी का प्रवाह रोक दिया गया है। वहां से नाले का पूरा पानी नैनीताल हाईवे में बहना शुरू होता है, जो पूरे शहर में फैल जाता है। अतिक्रमण के चलते मुख्य नाले में पानी का प्रवाह रोक दिया गया है। बावजूद इसके प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है।
सिंचाई विभाग को जहां अपने इस मुख्य नाले में अतिक्रमण की कोई परवाह नहीं है, वही प्राधिकरण और प्रशासन ने इस नाले के ऊपर भवन निर्माण की स्वीकृति कैसे देदी ? यह अपने आप में बड़ा सवाल है। इससे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर संदेह खड़े होने लगे हैं। इस बार बरसात में नाले का यह पानी नैनीताल हाईवे और पूरे शहर में फैलने के कारण जनता परेशान है। जलभराव की समस्या को लेकर मेयर जोगेंद्र रौतेला, विधायक सुमित हृदयेश एवम कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने गंभीरता से लिया है। यहां तक कि अतिक्रमण को लेकर मेयर और विधायक के बीच जुवानी जंग भी छिड़ी हुई है। जब कॉलोनियों को बसाने का काम किया जा रहा था, तब सिंचाई विभाग ने अपना काम नहीं किया, वहीं नगर निगम और प्राधिकरण के अधिकारी भी आंख मूंदे बैठें हैं।