उत्तराखण्ड
दरोगा जी मुकदमा तक नहीं करवा पाए दर्ज, एसओ साहेब के नाम पर साइबर ठगों ने की ठगी…
अधिकतर आपने पुलिस को लेकर ऐसे मामले जरूर सुने होंगे, जहां पुलिस पर आरोप लगते हैं कि कई बार पीड़ित पक्ष का मुकदमा नहीं लिखे जाते हैं। आपको बता दें ऐसा ही कुछ एक दरोगा जी के साथ हुआ है, जहां खुद के साथ हुए साइबर क्राइम का मुकदमा तक दर्ज नहीं करवाया गया।
मामला काशीपुर के थाना आईटीआई का है, थानाध्यक्ष की फेसबुक आईडी का क्लोन बनाकर तमाम लोगों से रुपयों की मांग की गई। जिसकी भनक थानाध्यक्ष आईटीआई को लगी, एसओ को जानकारी मिलने के बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया और सिर्फ खानापूर्ति के तौर पर फेक फेसबुक आईडी बनने की सूचना साइबर सेल को दे दी गई।
जबकि इस साइबर क्राइम का मुकदमा आईटीआई थाने में दर्ज होना चाहिए था, इस पूरी घटना को लगभग दो महीने लंबा समय बीत चुका है। साइबर ठग पकड़ना तो दूर, मुकदमा तक दर्ज नहीं करवाया गया। आपको बता दें बीते 22 मई को एसओ आईटीआई ने साइबर सेल को जानकारी दी कि उनकी फेक फेसबुक आईडी बनाकर उनके करीबियों से रुपियें मांगे जा रहे हैं।
एसओ द्वारा बताया गया की उनकी फेक फेसबुक आईडी बनाकर शातिर साइबर ठगों ने मैसेंजर के जरिए एक व्यक्ति से 15 हजार रूपये की डिमांड की है। साथ ही ठग द्वारा मांगे गए रुपयों को दूसरे दिन लौट आने का झांसा दिया गया था, जैसे ही यह जानकारी एसओ को पता चली तो वह चौंक उठे… कानून के जानकारों ने बताया कि इस तरह की घटना पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
साथ ही उसकी एफआईआर आईटीआई थाने में दर्ज की जानी चाहिए, क्योंकि साइबर क्राइम एक अपराध है। साइबर क्राइम के प्रति एसओ द्वारा की गई अनदेखी पुलिस पर भी भारी पड़ सकती है। सूत्रों की माने तो एसओ द्वारा यह घटना शुरू से ही अनावश्यक मानी गई थी, इस मामले में मुकदमा दर्ज करने को लेकर उनका मानना है कि वह अनावश्यक अपराध का ग्राफ बढ़ाना नहीं चाहते हैं। जिसके चलते उन्होंने इस पूरे मामले पर मुकदमा ही दर्ज नहीं किया।