उत्तराखण्ड
विस में नियुक्तियों पर कांग्रेस द्वारा उठाये सवालों पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता हेमंत द्विवेदी का पलटवार, कहा – कांग्रेस को तथ्यों की परख करने की जरूरत।
भाजपा ने विधान सभा में नियुक्तियों के संबंध मे कांग्रेस के द्वारा उठाये सवालों पर पलटवार किया है, कहा अब इनका कोई मतलब नहीं है। सीएम की मंशा शुरू से ही साफ है और इसी के चलते विधान सभा में हुई नियुक्तियों की गहन जाँच हुई। अवैध नियुक्तियां निरस्त की जा चुकी है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता हेमंत द्विवेदी ने इस मामले में कहा है कि महज विधान सभा की नियुक्ति नहीं, बल्कि जहाँ भी गड़बड़ हुई है, वहाँ पर पूरी पारदर्शिता से जाँच और कार्यवाही की जा रही है। जहां तक नियुक्तियों के बारे मे सीएम के निर्देश का सवाल है तो
वर्ष 2005-07 के बीच तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी तथा
वर्ष 2016 में भी मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विधान सभा में पदों को स्वीकृत किया था। सयोंगवश तब राज्य मे कांग्रेस की सरकार थी। कांग्रेस को खुद का अवलोकन करने की जरूरत है।
सरकार पदों की स्वीकृति देती है और भर्ती विधान सभा का अधिकार है। विधान सभा पदों की स्वीकृति माँगती है, तो पदों को सरकार स्वीकृति देती है। भर्ती कैसे करनी है, यह सरकार तय नहीं करती है। भर्ती की अनियमितता की शिकायत आने के बाद मुख्यमंत्री ने स्वत: संज्ञान लेकर कार्यवाही हेतु विधान सभा अध्यक्ष को पत्र लिखा। जाँच समिति की रिपोर्ट प्राप्त होने पर कि अनियमित तरीक़े से भर्ती हुई है, उनको निरस्त करने की स्वीकृति भी प्रदान की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए भर्तियों को कराने का ज़िम्मा लोक सेवा आयोग को सौंपा है। भर्ती के भ्रष्टाचारी जेल जा रहे हैं।उनकी अवैध सम्पत्तियों को नष्ट और ज़ब्त किया जा रहा है। कांग्रेस को तथ्य की सही परख करने की जरूरत है और आरोप प्रत्यारोप की राजनीति से उसे कुछ हासिल नहीं होने वाला है।