उत्तराखण्ड
कैबिनेट मंत्री के बेहद करीबी बने भू-माफिया, विवादित जमीन के मामले में किया करोड़ों का हेर-फेर…
हल्द्वानी में चल रहे चर्चित जमीनी विवाद को लेकर अब नया मोड़ आया है। एक पक्ष से जहां पीसीएस अधिकारी द्वारा 90 लाख की बंदरबांट का मामला सामने आया था, वही दूसरे पक्ष द्वारा प्रदेश के कैबिनेट मंत्री के करीबियों ने करोड़ों का खेल खेला है।
जिसमें मंत्री महोदय के करीबी जमीन को खुर्द-बुर्द करने के एवज में करोड़ों की रकम डकार चुके हैं। उसमें दोनों कैबिनेट मंत्री के बेहद करीबी माने जाते हैं, सूत्रों की माने तो विवादित जमीन पर काबिज व्यक्ति को प्रभाव में लेकर इन महारथियों ने खेल खेलना शुरू कर दिया है।
कैबिनेट मंत्री के खास लोगो द्वारा करोड़ो के वारे न्यारे किया जा रहा हो, ऐसा नहीं हो सकता कि उसकी भनक मंत्री महोदय को ना हो, साफ तौर पर यह जाहिर होता है कि इस जमीनी विवाद के मामले में कैबिनेट मंत्री का भी दखल है।
दोनो विवादित पक्षो की बात करें तो दोनो तरफ से प्रभावशाली सफेदपोशों द्वारा संचालित किया जा रहा है। साधारण शब्दों में कैबिनेट मंत्री महोदय के दोनो खास दाएं व बाएं हाथों के कारनामो ने इन दिनों प्रशासन का सर दर्द कर दिया है। विवाद कब हो जाये यह किसी को पता नहीं है, जमीन पर एक पक्ष द्वारा डेरा तक डाला गया है। पुलिस और प्रशासन नज़र बनाये हुए हैं। दबंगई के बल पर एक पक्ष द्वारा बाउंड्री का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है।
जिसमे से एक पूर्व दर्जा राज्य मंत्री व दूसरा प्रभावशाली निर्वाचित कुर्सी पर बैठा है। सूत्रों की माने तो पूर्व दर्जा राज्य मंत्री द्वारा दूसरे खास को प्रभाव में लेकर उसका नाम प्रयोग में लिया है। पूर्व दर्जा राज्य मंत्री अपने आका के बलबूते भू-माफिया के नए धंधे में प्रवेश ले चुके है।
इससे पहले पूर्व दर्जा राज्य मंत्री द्वारा जमरानी में गौला नदी से अवैध खनन व स्टोन क्रशर समेत तमाम कार्यो को संचालित करते रहें हैं। वही कैबिनेट मंत्री द्वारा उसके सभी अवैध कार्यो में संरक्षण मिलता रहा है, जिससे संघठन स्तर पर कैबिनेट मंत्री महोदय की भी छवि धूमिल हुई है।
सूत्रों की माने तो जिस पीसीएस अधिकारी द्वारा जिसके पक्ष में फैसला किया गया, उस पक्ष से फैसले के एवज करोड़ो की रकम वसूली गई थी। पीसीएस अधिकारी द्वारा किये गए कोरोड़ो के बंदरबाट के साथ ही कैबिनेट मंत्री के दो खास भी अपना काम दिखा गए हैं।