उत्तराखण्ड
उत्तराखंड- पहाड़ में जिन्दगी की जंग को डंडी और पगडंडी का सहारा…
Uttarakhand news हम आपकों जिन्दगी की जंग से जूझते हुए रूद्रप्रयाग जनपद के अगस्त्यमुनि विकास खण्ड़ के नौना गांव की 80 वर्षीय सरस्वती देवी की इन तस्बीरों से रूबरू करा रहे हैं। गांव के ग्रामीण इन टेडे-मेडे, उबड़-खाबड़ रास्तों से जिन्दगी की जंग को जीतने की कोशिश में लगे हुए है। 80 वर्षीय सरस्वती देवी सुबह 4 बजे घर के बने ऑगन में फिसलने से पांव की हड्डी टूटने से लडखड़ा कर ऑगन में गिर गयी। गॉव में सड़क व रास्ते न होने के कारण ग्रामीणों ने स्वंम जिन्दगी को बचाने के लिए कुर्सी को डन्डी बनाकर इन पैदल पगडन्डीयों के सहारे लगभग चार किलोमीटर पैदल चलकर किसी तरह संडक तक पहुंचाया गाय।
यह तस्वीरे उत्तराखण्ड़ के उन लोगों को दिखाने के लिए काफी है। जो इन दिनों राज्य सरकार और केन्द्र सरकार की विकास की योजनाओं के लिए आजादी की 75वी वर्ष गांठ के लिए अमृत महोत्सव मना रही है। आपको बताते चले कि बच्छणस्यॅू नौना गांव के लिए संडक मार्ग की स्वीकृति हो चुकी है। जिसकी दो किलोमीटर सड़क की कटिंग भी हो चुकी है, लेकिन अभी तक सड़क मार्ग न बनने के कारण गांव तक सड़क मार्ग नहीं पहुंच पाया।
ग्रामीणों द्वारा कई बार लोकनिर्माण विभाग के चक्कर काट कर थक हार चुके है लेकिन सड़क की आगे कटिंग इन पांच सालों में नहीं हो पाई है। गांव तक संडक कटिंग का कार्य छूट गया है। अगर गांव तक संडक निर्माण का कार्य हुआ होता तो शायद ये तस्वीरें आज आपके सामने नहीं होती।