उत्तराखण्ड
हरिद्वार : सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आशा रोड़ी मस्जिद हुई सील,राजा जी टाइगर रिजर्व में बनी है धार्मिक संरचना…
देहरादून
यूपी बॉर्डर से लगते राजा जी टाइगर रिजर्व के आशा रोड़ी जंगल क्षेत्र में बनी ” वन मस्जिद” को आज सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सील कर दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान ये निर्देश दिया। जिसके बाद राजा जी टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने पुलिस फोर्स के साथ जाकर मस्जिद को सील कर दिया और यथा स्थिति बनाए रखने को कहा है। जानकारी के मुताबिक फॉरेस्ट अधिकारियों द्वारा टाइगर रिजर्व होने की वजह से यहां इबादत करने से मना किया जा रहा था और इसको हटाने के लिए नोटिस भी जारी किया था।जिसके खिलाफ कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट चले गए थे जिसके बाद कोर्ट ने फिलहाल इसे सील करवा दिया है।
कथित रूप से बताया जाता है कि इस वनभूमि पर पहले यहां मजार थी जिसे बाद में मस्जिद का रूप दे दिया गया था।
जानकारी के मुताबिक राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन की ओर से आशारोड़ी में बनी मस्जिद को नोटिस भेजा गया था। इसमें मस्जिद निर्माण को वन्यजीव अधिनियम का उल्लंघन बताते हुए कमेटी से जमीन से संबंधित अभिलेख प्रस्तुत करने को कहा गया है। अभिलेख प्रस्तुत न करने पर निर्माण को मौके से हटा दिया जाएगा।
राजाजी टाइगर रिजर्व की रामगढ़ रेंज के वन क्षेत्राधिकारी की ओर से आशारोड़ी में बनी मस्जिद को नोटिस भेजा गया था। नोटिस में कहा गया था कि यह इलाका राजाजी टाइगर रिजर्व का है।
इसमें वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और भारतीय वन अधिनियम के तहत कोई भी निर्माण नहीं कराया जा सकता। यह राजाजी टाइगर रिजर्व का कोर क्षेत्र घोषित है।
इस इलाके में मस्जिद का निर्माण वन्यजीव अधिनियम का उल्लंघन है।
कमेटी से कहा गया है कि नोटिस प्राप्त होने के 10 दिन के अंदर निर्माण से संबंधित अभिलेखों को रेंज कार्यालय रामगढ़ में प्रस्तुत करें, अन्यथा धार्मिक संरचना को हटा दिया जाएगा।
इसके लिए टाइगर रिजर्व क्षेत्र किसी प्रकार से जिम्मेदार नहीं होगा। राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन ने बताया है कि रिजर्व क्षेत्र में कोई भी निर्माण करने की अनुमति नहीं है, इसीलिए नोटिस देकर साक्ष्य मांगे गए हैं। साक्ष्य नहीं दिए गए तो निर्माण हटा दिया जाएगा।
इस मस्जिद को लेकर मुस्लिम सेवा संगठन और अन्य संगठनों द्वारा ये दावा किया जाता रहा है कि ये टाइगर रिजर्व बनने से पूर्व की संरचना है।
बरहाल राजा जी प्रशासन ने इस परिसर को सील कर दिया है।
उत्तराखंड की धामी सरकार ने अब तक 552 अवैध मजारे ध्वस्त की है, 242 अवैध मदरसे सील किए है। जबकि 9000 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को लैंड जिहाद से मुक्त किया गया है।



