उत्तराखण्ड
अब फिर से बत्ती होगी गुल, कर्मचारियों ने किया हड़ताल का ऐलान…
ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों और धामी सरकार के बीच बनती दिख रही सहमति अब टूट के करार पर नजर आ रही है। ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों ने 14 सूत्री माँगों पर आश्वासन के बावजूद प्रगति न हो पाने से ख़फ़ा होकर नए सिरे से आंदोलन का बिगुल फूँक दिया है। ऊर्जा निगम कार्मिकों ने शनिवार से रोज शाम पांच बजे से अगले दिन सुबह 10 बजे तक सरकारी मोबाइल नंबर स्विच ऑफ करने का अभियान भी शुरू हो गया है।
इसके अलावा कार्मिकों ने हफ्ते में दो दिन गेट मीटिंग और 23, 25, व 27 सितंबर को सत्याग्रह करने का ऐलान कर दिया है। इसके बाद भी सरकार माँगों पर मुहर नहीं लगाती है तो कार्मिकों ने 6 अक्तूबर से हड़ताल पर जाने का एलान किया गया। कर्मचारियों ने धामी सरकार को चेताया है कि जब तक लंबित समस्याओं पर कार्रवाई नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा।
शनिवार को देहरादून सहित तमाम जिलों में तीनों ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों ने पावर हाउस, बांध, बैराज, ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन और उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन के विभिन्न बिजली घरों पर 10 बजे से 12 बजे तक गेट मीटिंग की। ज्ञात हो कि जुलाई में सहमति के बावजूद सरकार माँगों पर फैसला लेने को आगे नहीं बढ़ पाई तो विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने 31 अगस्त से आंदोलन छेड दिया था।
इसके बाद से हर मंगलवार और शनिवार को गेट मीटिंग का आयोजन किया जा रहा है। गेट मीटिंग में निर्णय लिया गया कि 23, 25 और 27 सितंबर को तीनों ऊर्जा निगमों के मुख्यालयों पर एक दिवसीय सत्याग्रह किया जाएगा। अगर 5 अक्तूबर तक समस्याओं का समाधान नहीं निकाला गया तो छह अक्तूबर से हड़ताल शुरू कर दी जाएगी।
ज्ञात हो कि 27 जुलाई को सरकार के साथ बैठक में 14 सूत्री मांगपत्र पर दोनों पक्षों के मध्य समझौता हो गया था। लेकिन अब कार्मिकोें का आरोप है कि सरकार टालमटोल कर रही है और समझौते पर अमल नहीं हो पा रहा। कार्मिकों का आक्रोश इस बात पर बढ़ा हुआ है कि 27 जुलाई को ऊर्जा मंत्री डॉ हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई बैठक में 14 सूत्रीय मांगपत्र पर समझौता हुआ था लेकिन समझौते के बाद भी तीनों ऊर्जा निगमों की ओर से कर्मचारियों की किसी भी समस्या का समाधान नहीं किया गया।