उत्तराखण्ड
नैनीताल: जिला पंचायत चुनाव, हाईकोर्ट की सख्ती, SSP को फटकार, तबादले तक की टिप्पणी
नैनीताल: जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव और कथित अपहरण प्रकरण पर सोमवार को नैनीताल हाईकोर्ट में हुई सुनवाई ने पूरे मामले को नया मोड़ दे दिया है। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने जिला प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर कड़ा रुख अपनाते हुए SSP नैनीताल को कड़ी फटकार लगाई।कोर्ट ने साफ कहा कि नैनीताल सिर्फ एक पर्यटक स्थल नहीं है, बल्कि यहां उच्च न्यायालय भी है और कानून-व्यवस्था से किसी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।वायरल वीडियो मामले में जब SSP नैनीताल ने सफाई देने की कोशिश की तो मुख्य न्यायाधीश ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि SSP अपराधियों का बचाव कर रहे हैं और सरकार को चाहिए कि उनका तुरंत तबादला कर दिया जाए।अदालत ने पांच जिला पंचायत सदस्यों की दलीलें सुनने से भी इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि ये सदस्य पहले ही अदालत को गुमराह कर चुके हैं। वहीं, री-पोल को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई टाल दी गई। अदालत ने स्पष्ट किया कि वह इस समय केवल चुनाव के दिन हुई घटनाओं और उनसे जुड़ी परिस्थितियों पर विचार कर रही है।हाईकोर्ट की सख्ती के बाद जिले की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। आरोपी नेताओं और कथित अपहरणकर्ताओं पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। 19 अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई से पहले जिला प्रशासन और पुलिस पर दबाव बढ़ गया है कि वे कोर्ट के निर्देशों का पालन कर ठोस कार्रवाई पेश करें।अधिवक्ता अवतार सिंह रावत ने कहा कि हाईकोर्ट ने जिस तरह से पुलिस और प्रशासन को फटकार लगाई है, उससे साफ है कि अब मामले में गंभीर कार्रवाई तय है।



