उत्तराखण्ड
नैनीताल- सीडीओ ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का निरीक्षण कर सीएमओ को भेजा यह पत्र…
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्थाओं को लेकर मुख्य विकास अधिकारी ने विगत दिनों पहले निरीक्षण किया, जिसके बाद मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है, उन्होंने कहा की निरीक्षण में देखा गया कि इन केन्द्रों में विभिन्न कमियों के कारण आमजन को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है, निरीक्षण में प्रमुखतः निम्न कमियाँ प्रकाश में आयीः-
1- सी०एच०सी० केन्द्रों में सफाई व्यवस्था की ओर बिलकुल ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जगह-जगह गन्दगी व्याप्त है, अस्पताल परिसर में साफ-सफाई की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, विभिन्न तरह के कुड़े के निस्तारण हेतु मानकों के अनुसार डस्टबीनों की नियमित सफाई नहीं की जा रही है। 2- प्रभारी अधिकारी सी०एच०सी० में निवास नहीं कर करने से आपातकालीन सुविधा का अभाव है।
3- सी०एच०सी० केन्द्र में यदि आवासीय व्यवस्था नहीं है तो शासन द्वारा मकान किराया भत्ता की सुविधा का लाभ लेते हुये केन्द्र के निकट किराये में निवासरत रहा जाय।
4- प्रायः देखा जा रहा है कि सी०एच०सी० केन्द्रों में मरीजों का भलीभाँति परीक्षण न करते हुये सीधे हायर सेन्टर को रेफर कर दिया जा रहा है तथा मरीजों की बीमारी से सम्बन्धितों के अभिलेखों का उचित रखरखाव नहीं किया जा रहा है।
5- केन्द्रों में समुचित आवश्यक व्यवस्थाओं हेतु चिकित्सा प्रबन्ध समिति से अनुमोदन उपरान्त भी केन्द्रों में व्याप्त कमियों से स्पष्ट है कि प्रभारी चिकित्साधिकारियों द्वारा उपलब्ध धनराशि दुरूपयोग किया जा रहा है तथा अपने उत्तरदायित्वों / जिम्मेदारियों का उचित निर्वहन नहीं किया जा रहा है।
6- केन्द्रों में उपलब्ध एम्बुलेन्स एंव उपयोग में नहीं किये जा रहे उपकरणों को न तो सही किया जा रहा है और न ही इनके निष्प्रयोज्य अथवा निस्तारण की कार्यवाही की जा रही है। अतएव अपने स्तर से समस्त अपर मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देशित करें कि समस्त सीएचसी / पीएचसी केन्द्रों का भलीभाँति निरीक्षण करते हुये आपातकालीन सेवाओं सहित समस्त अव्यवस्थाओं को दूरस्त करने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाय सभी प्रभारी चिकित्साधिकारी केन्द्र में ही अनिवार्य रूप से निवास करें अन्यथा की स्थिति में नियमानुसार अनुशासनिक कार्यवाही की जायेगी। किसी भी मरीज को हायर सैन्टर रेफर करने से पूर्व सीएचसी / पीएचसी के वरिष्ठतम चिकित्सक / प्रभारी की विस्तार से राय मशविरा लेने के बाद ही रेफर किया जाय।