उत्तराखण्ड
यूपी से उत्तराखण्ड लाकर बनाया गया क्षेत्र पंचायत सदस्यों को बंधक, कोविड नियमों को दिखाया ठेंगा।
कोविड नियमों को तांक में रखकर, रामपुर जिले के 47 क्षेत्र पंचायत सदस्यो को रामनगर के तीन रिसोस्ट्स में ठहराया गया है। हाईकोर्ट के दखल से भी स्थानीय प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाहर राज्यों से आ रहे, पर्यटकों की कोविड रिपोर्ट के सम्बंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार रामपुर जिले के टांडा से 47 क्षेत्र पंचायत सदस्यों को बंधक के रूप के रामनगर के तीन रिसोस्ट्स में ठहराया गया है। बिना आरटीपीसीआर रिपोर्ट के वह रामनगर के इन रिसोस्ट्स में कैसे ठहरने दिया गया, आरोप है कि ब्लॉक प्रमुख प्रत्यशी द्वारा सदस्यों के मोबाइल जमा करा लिए गए है, जिनसे सम्पर्क नहीं हो पा रहा है।
तीन रिसोस्ट्स बुक तो जरूर करवाये गए है, लेकिन इनमें से एक रिसोर्ट में सभी को ठहराया गया है, बाकी दो रिसोस्ट्स अगर पुलिस या प्रशासन जांच पड़ताल करने लगे तो उस दशा में क्षेत्र पंचायत सदस्यों को शिफ्ट करने के लिए वैकल्पिक तौर पर रखे गए हैं। ब्लॉक प्रमुख प्रत्याशी द्वारा योजना बनाते हुए काम किया गया है।
रामनगर के तीन नामी रिसोस्ट्स हैं, जिनमें बंधक के रूप में 47 क्षेत्र पंचायत सदस्य है। क्या स्वास्थ्य विभाग व स्थानीय प्रशासन द्वारा इन सब सदस्यों की कोविड के चलते आरटीपीसीआर रिपोर्ट जांच करवाई जाएगी या नहीं…? यही बड़ा सवाल हैं।
कोविड नियमों को तांक में रखकर इतनी बड़ी खेप का बिना सुरक्षा के रुकना खतरे से खाली नहीं है। 47 सदस्यों में से अगर किसी को भी कोविड पाया गया तो उसका जिम्मेदार कौन होगा, जिम्मेदारी तय होनी जरूरी है। कार्यवाई भी जल्द करनी होगी, क्योंकि शनिवार को रामपुर में शाहबाद ब्लॉक प्रमुख का चुनाव होना है।
कोविड के नियमों में जरूर ढील हो सकती है, पर नियमों के आधार पर ही पर्यटकों को होटल या रिसोस्ट्स में ठहराने से पहले आरटीपीसीआर रिपोर्ट अनिर्वाय रूप से कर दी गई है। अगर आरटीपीसीआर रिपोर्ट्स है भी तो उसकी जांच भी जरूरी है, क्योंकि राज्य की सीमा पर फर्जी रिपोर्ट्स भी तैयार करवाई जा रही हैं।













