उत्तराखण्ड
रामनगर: CM धामी की सफारी में सुरक्षा चूक, पांच साल से बिना फिटनेस की जिप्सी चलाता रहा मो. उमर
रामनगर: कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढेला रेंज में 6 जुलाई को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सफारी के दौरान गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। सफारी में इस्तेमाल की गई जिप्सी (UK19GA 0067) की फिटनेस विगत पांच वर्षों से नवीनीकृत नहीं हुई थी, जो VIP सुरक्षा मानकों का खुला उल्लंघन माना जा रहा है।जानकारी के अनुसार, यह वही जिप्सी है जिसका उपयोग पिछले कई वर्षों से उच्च न्यायालय, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों, राज्यपाल और स्वयं मुख्यमंत्री द्वारा कॉर्बेट सफारी में किया गया। अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर इतने वर्षों से फिटनेस विहीन वाहन से कैसे बार-बार अति विशिष्ट व्यक्तियों को सफारी कराई गई?पिछले पाँच वर्षों में तीन निदेशक राहुल, डॉ. धीरज पांडे और वर्तमान निदेशक डॉ. साकेत बडोला कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में कार्यरत रहे, लेकिन किसी ने भी इस वाहन की स्थिति पर संज्ञान नहीं लिया। वाहन से जुड़े दस्तावेजों में ड्राइवर मोहम्मद उमर का नाम दर्ज है, जिसकी जिम्मेदारी वाहन की फिटनेस और मेंटेनेंस पर होती है। हालांकि मुख्यमंत्री की सफारी वाले दिन वाहन चलाने वाला व्यक्ति मोहम्मद उमर था, जिसे जिप्सी की फिटनेस की जानकारी नहीं थी।सूत्रों के अनुसार, उसी दिन कुछ मीडिया कर्मियों ने उमर को कॉल कर मुख्यमंत्री की लोकेशन पूछी थी, जिस पर उसने जवाब दिया कि “वह जंगल में नहीं है।” परिवहन विभाग के अनुसार, यदि वाहन छह सीटर है तो उसे फिटनेस प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन यदि वह आठ सीटर है, तो यह अनिवार्य होता है। ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि क्या उक्त जिप्सी को जानबूझकर छह सीटर दिखाया गया? इस मामले की गंभीरता को देखते हुए वन मंत्री सुबोध उनियाल ने पीसीसीएफ हॉफ और उनके माध्यम से पीसीसीएफ (वाइल्डलाइफ) को जांच का आदेश दिया है। जांच के दायरे में अब जिप्सी के ड्राइवर, स्टोर कीपर और सफारी व्यवस्था से जुड़े अधिकारी हैं।यह मामला केवल एक वाहन की फिटनेस तक सीमित नहीं है, बल्कि उत्तराखंड में वीवीआईपी प्रोटोकॉल और कॉर्बेट प्रशासन की सिस्टमेटिक लापरवाही को उजागर करता है। यदि समय रहते कार्रवाई न हुई होती और कोई दुर्घटना हो जाती, तो इसका दायित्व किस पर होता? क्या इस बार भी मामला जांच में दबा दिया जाएगा, या वास्तव में जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होगी?





