उत्तराखण्ड
मनोज गोरकेला व सीएम धामी के अथक प्रयासों से 22 वर्षों में पहुंची इस गाँव में सड़क…
सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के ग्रामीण मोटर मार्ग के बनने का रास्ता अब साफ हो गया है, जिसको लेकर वित्तीय स्वीकृति भी शासन से मिल गई है। 22 वर्षों के संघर्षों के बाद इस रोड को बनाया जाएगा, जिसको लेकर शासन ने आज आदेश जारी करते हुए 2 करोड़ 3 लाख 29 हजार स्वीकृत किए हैं। इस सड़क के लिये वित्तीय स्वीकृति कराने के पीछे उत्तराखंड सरकार के सुप्रीम कोर्ट में उप महाधिवक्ता मनोज गोरकेला की मेहनत है। मनोज गोरकेला ने जानकारी देते हुए बताया की इस रोड के स्वीकृत होने पर ऐसा लगता है कि उनका आज एक सपना पूरा हो गया है।
उन्होंने बताया कि इस गांव में उनका बचपन बीता और इसी गांव की मिट्टी ने उनको भारत के सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचाया है और इसी गांव ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहचान बनाई है, इसी गांव की मिट्टी से यूनोओ तक पहुंचे, जिसको आज 22 साल बाद इतनी स्वीकृति मिली है। मनोज गोरकेला ने कहा कि उन्होंने यह प्रतिज्ञा ली थी कि जब तक उनके गांव में सड़क नहीं आएगी तब तक वह गांव में कदम नहीं रखेंगे।
जिसके लिए उन्होंने अपने सहपाठी लखनऊ विश्वविद्यालय में विधि की पढ़ाई कर रहे, उत्तराखंड सरकार के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दिल से धन्यवाद दिया है, वही उनका कहना है कि गंगोलीहाट क्षेत्र की विधायक मीना गंगोला गांव में पैदल चल कर गई थी, साथ ही गांव के भूतपूर्व प्रधान ने भी सड़क बनाने को लेकर आंदोलन किया था। ऐसे में इन सब के आंदोलन को भी दिल से सलाम करते हैं।