उत्तराखण्ड
उत्तराखंड के इस लाल की बहादुरी के लिए मिलेगा राष्ट्रीय वीरता पुरुस्कार, गुलदार से लड़कर अपने भाई की बचाई जान…
उत्तराखंड को देवभूमि के साथ-साथ वीरों की भूमि भी कहा गया है, क्योंकि यहां हर घर में सेना का जवान देश की सरहद पर अपनी सेवाएं दे रहा है। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के रहने वाले नितिन रावत का नाम राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए भेजा गया है। रूद्रप्रयाग विकास खण्ड अगस्त्यमुनि के तंमिड गांव के नितिन रावत पुत्र सतेन्द्र सिहं रावत का नाम राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए भेजा गया है। नितिन पर पानी पीते समय गुलदार ने पीछे से हमला किया था, उस समय उसका छोटा भाई भी उसके साथ था।
नितिन ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए अपनी और अपने भाई की जान बचाई थी। राज्य बाल कल्याण परिषद नई दिल्ली को उत्तराखण्ड से तीन नाम मिले हैं उनमें रूद्रप्रयाग जिले के नितिन, पौड़ी गढवाल के आयुष ध्यानी व अमन सुंदरियाल शामिल है। राज्य बाल कल्याण परिषद नई दिल्ली की रिपोर्ट के अनुसार 12 जुलाई 2012 को नितिन पानी पीने के लिए रुका, उसी समय घात लगाये गुलदार ने उस पर हमला कर दिया और उसके सारे कपड़े फाडकर दो से तीन मीटर दूर घसीटते हुए ले गया, लेकिन नितिन ने हार नहीं मानी और उससे लड़ने लगा,
इसी बीच नितिन के हाथ एक सरीया का टुकड़ा हाथ लग गया, नितिन ने उस सरीया के टुकडें से कई बार गुलदार पर हमला किया, जिससे वह भाग खड़ा हुआ, इसी तरह नितिन ने अपने छोटे भाई को भी गुलदार से बचाया। नितिन के अदम्य सहास का परिचय दिया और हार नहीं मानी और गुलदार से लड़ता रहा। कुछ समय बाद गांव के अन्य लोगों की मदद से नितिन का जिला अस्पताल में उपचार करवाया गया।