उत्तराखण्ड
देवभूमि में क्यों होने लगे अस्पताल माफिया हावी, यहां भगवानों और संतो के नाम से लूटते हैं मरीज।
देवभूमि उत्तराखण्ड में देवी देवताओं का वास होता है, भगवानों के नाम पर हर कोई आसानी से विश्वास कर लेता है। भगवानों और संतो के नाम पर अस्पताल खोल, उपचार के नाम पर मनमाने रूपये वसूल कर पहाड़ की भोली-भाली जनता को ठगने का काम किया जा रहा है।
बाहरी राज्यों से आकर यहां की जनता को छलने का काम व अस्पताल में अधिकतर केस ख़राब करने के मामले सामने आ रहें है। आस्था पर प्रहार कर भगवानों के नाम से अस्पताल खोलकर वह खुली लूट मचाते है।
अस्पताल माफियाओं द्वारा होटल को अस्पताल बनाकर उसमें अनुभवहीन डॉक्टरों से उपचार करवाया जाता है। हल्द्वानी के रामपुर रोड स्थित माँ जगदम्बा हॉस्पिटल में लगातार मामले बिगड़ने लगे तो स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट पर जिलाधिकारी द्वारा कार्यवाई भी की गई थी, इससे पहले इस अस्पताल के खिलाफ हल्द्वानी शहर में विरोध प्रदर्शन करते हुए पुतले तक फूंक डाले।
जब हल्द्वानी में संचालक की दाल नही गली तो उनके द्वारा रामनगर में बाबा नीम किरोरी महाराज के नाम से अस्पताल खोल दिया गया है, जिसपर कोविड में लापरवाही बरतने के चलते गुरुवार को स्वास्थ्य महकमे द्वारा नोटिस दिया गया है। सूत्रों की माने तो इन दोनों अस्पतालों के संचालक मेरठ उत्तर प्रदेश के निवासी है।
जिनका उद्देश्य सेवा नही पहाड़ की जनता से लूट खसोट करना है। कुछ पत्रकार साथियों ने जब अस्पतालों के नाम को लेकर संचालक के पुत्र से व्हाट्सएप पर बात करनी चाही तो उनके द्वारा जवाब देना तो दूर, पत्रकारों के नम्बर को ब्लॉक कर दिए गए, जिससे साफ ज़ाहिर होता है कि यह एक अस्पताल माफिया हैं। जिन्हें जनता की सेवा से कोई मतलब नही है, उन्हें सिर्फ आम आदमी की गाढ़ी कमाई को चूसना है।
अस्पताल की खामियों को छुपाने के लिए इन अस्पतालों के संचालक महाशय द्वारा मरीज के तीमारदारों को धमकियां देते हुए अपने आप को भाजपा का नेता बताया जाता है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री उनके करीबी है। यानी की गलतियां खुद करते रहें, जब पाप का घड़ा भरने लगे तो मुख्यमंत्री का नाम के सहारे बचने का प्रयास किया जाता है।