उत्तराखण्ड
हल्द्वानी- जुमे की नमाज छोड़ गणपति विसर्जन करवाने उतरे फिरोज, गौला के तांडव को दी चुनौती (वीडियो)
हल्द्वानी और आसपास के इलाके में इन दिनों गणेश महोत्सव के कार्यक्रमों की धूम मची है। शहर के हर चौराहा और गलियों में गणेश महोत्सव का उत्साह मनाया जा रहा है। हालांकि गणेश महोत्सव के विसर्जन को लेकर सोशल मीडिया पर एक मुहिम भी चल रही है। गणेश भगवान की मूर्ति श्रद्धालु रानीबाग गौला नदी में विसर्जन के लिए पहुंचते हैं। आज हम बात कर रहे हैं धार्मिक कार्यक्रम हों या फिर सार्वजनिक आयोजन हिंदू-मुस्लिम एकता के वाकये लोगों को प्रेरणा देते हैं। शुक्रवार को यानी जुमे के दिन काठगोदाम चौकी प्रभारी फिरोज आलम ने गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा का बीड़ा उठाया।
फिरोज खुद उफनती गौला नदी में उतरे और अपनी मौजूदगी में गणपति की प्रतिमाओं को विसर्जित कराया। शुक्रवार को शहर के अलग- अलग इलाकों से करीब 150 गणपति यात्रा रानीबाग स्थित विसर्जन स्थल के लिए पहुंचीं। दोपहर करीब 12 बजे सभी यात्राओं को भारी बारिश और गौला का जलस्तर बढ़ने की वजह से सुरक्षा के मद्देनजर कॉलटैक्स पर ही रोक दिया गया।
इस दौरान श्रद्धालुओं की आस्था को ध्यान में रखते हुए चौकी प्रभारी फिरोज आलम ने आगे बढ़कर गणपति विसर्जन की जिम्मेदारी ली। एक-एक करके जत्थों को आगे भेजने के लिए वायरलेस से सूचना दी। इसके बाद फिरोज आलम अपनी टीम के हेड कांस्टेबल प्रताप गड़िया और सिपाही योगेश कुमार के साथ गौला में उतरे। यहां विसर्जन के लिए केवल पांच-सात श्रद्धालुओं को नीचे बुलाकर खुद अपने हाथों से गणपति को विसर्जित कराया। विसर्जन की जिम्मेदारी के चलते वह जुमे की नमाज भी अदा नहीं कर पाए। यह तस्वीरें एकता का प्रतीक हैं।