उत्तराखण्ड
हल्द्वानी – निराशाजनक रहा केंद्र सरकार का बजट, वित्तमंत्री महिला होकर भी महिलाओं की व्यथा को नही समझ पाई : यशपाल आर्य
वित्त मंत्री से उम्मीद थी कि वे इस बजट के माध्यम से देश को बताती –
- पिछले 10 वर्षों में भाजपा सरकार कितने लोगों को रोज़गार दे पाई है?
- स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया का क्या हुआ? वह कितना सफल हुआ?
- क्या सरकार पुरानी पेंशन बहाली की ओर कोई कदम उठाएगी?
उत्तराखंड के हाथ एक बार फिर खाली रह गये ।ग्रीन बोनस पर कोई चर्चा नहीं। जोशीमठ आपदा पैकेज नदारद।
दुख की बात है वित्तमंत्री महिला होकर भी महिलाओं की व्यथा को नही समझ पाई!
- मंहगाई को लेकर कोई राहत नही!
- किसानों के लिए भी इस बजट में कुछ नही!
- युवाओं के रोजगार के लिए भी कुछ नही!
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वित्त मंत्री ने कहा- महंगाई जायदा नहीं बढ़ी, आमदनी बढ़ी है ये अत्यंत निंदनीय है।
पूंजीपति मित्रों का लाखों करोड़ों रुपए माफ करने और ‘कॉरपोरेट टैक्स’ में लगातार छूट देने वाली मोदी सरकार..देश के आम लोगों की “जेब काटने” और “झूठे जुमले” सुनाने के अलावा कुछ भी नहीं करती है !
भाजपा सरकार ने जनविरोधी बजटों का एक दशक पूरा करने का रिकार्ड बनाया है,
ये भाजपा का जनविरोधी बजट विदाई बजट साबित होगा