उत्तराखण्ड
नैनीताल- श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पांच बातें जो हमेशा याद रहेंगी: भुवन भट्ट
जिला मीडिया प्रभारी भुवन भट्ट ने बताया की श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर हमें उनके आदर्शों पर चलने व उनके द्वारा दिए गए सिद्धांतो को श्यामा जी के विचारों को व भारतीय जनता पार्टी के विचारों और उसके द्वारा किए गए काम को जन जन तक पहुंचाना, अन्तिम छोर तक पहुंचना हमारा उद्देश्य है।
भुवन भट्ट ने बताया की 1929 में बंगाली लेजिस्लेटिव कांउसिल में कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर अपना राजनीतिक करियर शुरू करने वाले श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 में कलकत्ता में हुआ था। इनको एक शिक्षाविद बैरिस्टर और भारतीय राजनेता के तौर पर आज भी जाना जाता है।
उन्होंने बताया की श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारत के पहले इंडस्ट्री एंड सप्लाई मंत्री बने थे। आज उनके जन्मदिन के खास मौके पर हम आपको उनकी पांच बेहतरीन बातें बताते हैं जो आज भी हम लोगों के जहन में जिंदा हैं। हमको उनकी इन पांच बातों में हमेशा अमल करना चाहिए और समाज को आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास करने चाहिए। वही भुवन भट्ट ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के पांच बातों के बारे में बताया।
- अन्तिम छोर के व्यक्ति तक पहुंच कर उनका विकास और व्यक्ति निर्माण करना।
- राजनीतिक और सामाजिक न्याय जरूरी है। किसी देश का विभाजन या उस क्लास का अपमान करना जरूरी नहीं है जो नेतृत्व करना चाहता है या औधे में बराबरी की मांग कर रहा है। सभी धर्म और जाति के लोगों को हर क्षेत्र में बराबरी का औधा मिलना चाहिए।
- भारत में ब्रिटीश राज्य के 175 साल बाद भी 90 प्रतिशत से ज्यादा भारतीय आबादी अनपढ़ है। ये असहनीय और निंदनीय स्थिति है जिसपर तुरंत कोई एक्शन होना चाहिए।
- भारत का यश उसकी राजनीतिक संस्थाओं और सैनिक शक्ति से नहीं बल्कि उसकी आध्यात्मिक महानता, सत्य और आत्म के विचारों, दुखी मानवता की सेवा में अभिव्यक्त सर्वोच्च शक्ति की विराटता में उसके वियवास पर आधारित है।
उन्होंने बताया की हमको आज श्यामा प्रशाद मुखर्जी के आदर्श पर चलकर आगे बढ़ना चाहिए उनकी विचारधारा को आगे बढ़ाना चाहिए भारतीय जनता पार्टी हर बूथ पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर विशेष कार्यक्रम कर रही है और बलिदान दिवस मना रही हैं जनता के दिलों को छूना व जो कार्यकर्ताओं ने पार्टी को सींचा है उनका सम्मान करना ही श्यामा प्रशाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर सच्ची श्रद्धांजलि होगी।