आध्यात्मिक
टनकपुर: कैलाश मानसरोवर यात्रा के 45 सदस्यीय दल को CM धामी ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना, कोरोना के बाद पहली बार खुला आध्यात्मिक द्वार
टनकपुर।
“नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय। नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम: शिवाय॥”
उत्तराखंड के टनकपुर से कैलाश मानसरोवर यात्रा का शुभारंभ एक बार फिर हुआ है। 45 सदस्यीय दल को विधिवत रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस अवसर पर यात्रा दल के सदस्यों से मिलकर अधिकारियों ने उनका कुशलक्षेम जाना और उन्हें शुभकामनाएं दीं।
कोविड-19 महामारी के बाद यह पहला अवसर है, जब उत्तराखंड से कैलाश मानसरोवर यात्रा दोबारा प्रारंभ की गई है। यह न केवल आस्था और अध्यात्म का प्रतीक है, बल्कि प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि भी है। यात्रा की पुनः शुरुआत से न केवल तीर्थाटन को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि स्थानीय पर्यटन उद्योग, रोज़गार, और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
कैलाश मानसरोवर यात्रा को यूँ ही आस्था और संस्कृति का संगम नहीं कहा जाता। यह हिमालय की गोद में स्थित वह यात्रा है जो आत्मशुद्धि, प्रकृति-साक्षात्कार और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बन चुकी है।
टनकपुर के रास्ते यह यात्रा न केवल उत्तराखंड को धार्मिक दृष्टि से गौरवान्वित करती है, बल्कि भारत-चीन सीमा पर बसे इलाकों को रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से भी सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है। इस दौरान कुमाऊं कमिश्नर एवं मुख्यमंत्री सचिव दीपक रावत, कुमाऊं आईजी रिद्धिम अग्रवाल, कुमाऊं मंडल विकास निगम के एमडी विनीत तोमर, जलागम परिषद उपाध्यक्ष शंकर कोरंगा समेत सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता और स्थानीय लोग मौजूद रहे।













