आध्यात्मिक
अल्मोड़ा : जागेश्वर धाम प्रकाशीकरण परियोजना: धर्म, अध्यात्म और तकनीक का अद्भुत संगम,पीएम मोदी के मार्गदर्शन और सीएम धामी के प्रयासों से हुआ सफल
जागेश्वर धाम प्रकाशीकरण परियोजना: धर्म, अध्यात्म और तकनीक का अद्भुत संगम…
पीएम नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और सीएम पुष्कर धामी के प्रयासों से हुआ सफल
हल्द्वानी: रचनात्मकता और गुणवत्ता के साथ किसी परियोजना को पूर्ण करने के संदर्भ में प्रायः निजी कंपनियों को सरकारी विभागों से बेहतर माना जाता है, किंतु आदि योगी महादेव की नगरी जागेश्वर धाम के प्रकाशीकरण कार्य को सफलतापूर्वक पूर्ण कर लोक निर्माण विभाग (लो०नि०वि०) ने इस धारणा को सशक्त चुनौती दी है। आधुनिकतम प्रकाश तकनीक से जागेश्वर धाम की दिव्यता और भव्यता को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने वाली यह परियोजना निश्चय ही गुणवत्ता और नवाचार के नए प्रतिमान स्थापित करती है। जागेश्वर मास्टर प्लान के अंतर्गत यह विकास कार्य तेजी से किए जा रहे हैं।
लोक निर्माण विभाग के विद्युत/यांत्रिक संवर्ग के अभियंताओं द्वारा पीआईयू अल्मोड़ा खंड के अंतर्गत लगभग 9.97 करोड़ रुपये की लागत से, जागेश्वर धाम मास्टर प्लान के तहत यह प्रकाशीकरण कार्य अत्यंत विषम भौगोलिक एवं प्रशासनिक परिस्थितियों में पूर्ण किया गया। इस परियोजना ने न केवल जागेश्वर धाम की आध्यात्मिक गरिमा को और अधिक प्रभावशाली बनाया है, बल्कि स्थानीय लोगों एवं पर्यटकों में भी नया उत्साह और आकर्षण उत्पन्न किया है।
एएसआई की स्वीकृति सबसे बड़ी चुनौती
परियोजना के क्रियान्वयन में लोक निर्माण विभाग के समक्ष कई गंभीर चुनौतियाँ रहीं। तेरहवीं सदी के 124 प्राचीन मंदिरों के समूह के कारण यह क्षेत्र भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अंतर्गत संरक्षित है। ऐसे में किसी भी कार्य से पूर्व एएसआई से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य था, जो आसान नहीं था।
हालाँकि विभाग के अनुभवी अभियंताओं ने एएसआई को परियोजना के प्रति न केवल विश्वास में लिया, बल्कि उसके द्वारा दिए गए सुझावों के अनुरूप ही समस्त कार्यों को अत्यंत संवेदनशीलता के साथ संपादित कराया।
श्रद्धा और संरचना—दोनों की रक्षा
कार्य के दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि—
मंदिरों में पूजा-पाठ एवं धार्मिक अनुष्ठानों में कोई व्यवधान न हो
श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो
ऐतिहासिक मंदिरों की मूल संरचना को कोई क्षति न पहुँचे
इन सभी मानकों का पालन करते हुए लोक निर्माण विभाग ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को सफलतापूर्वक पूर्ण किया।
प्रधानमंत्री की कल्पना, मुख्यमंत्री का संकल्प
इस परियोजना की संकल्पना अक्टूबर 2023 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जागेश्वर धाम भ्रमण के दौरान की गई थी, जिसे साकार करने का दायित्व “विकल्प रहित संकल्प” के मंत्र पर कार्य करने वाले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने कंधों पर उठाया।
अनुभवी नेतृत्व और समन्वय का परिणाम
इस परियोजना को मूर्त रूप देने में—
प्रमुख सचिव, लो०नि०वि० डॉ. पंकज पाण्डेय
पूर्व सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे
प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार एवं पर्यटन विभाग में विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे
का विशेष मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
परियोजना के सफल क्रियान्वयन में मुख्य अभियंता (वि०/यां०) प्रमोद कुमार पाठक, अधीक्षण अभियंता निशांत नेगी, अधिशासी अभियंता प्रीती पंत एवं विभोर गुप्ता की अहम भूमिका रही। वहीं निर्माण एजेंसी एवं कंसल्टेंट के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य को धरातल पर उतारने का दायित्व सहायक अभियंता प्रदीप बिष्ट तथा अपर सहायक अभियंता नरेन्द्र कुमार एवं हरीश टोलिया ने कुशलतापूर्वक निभाया।
रात्रिकालीन पर्यटन को मिला नया आयाम
जागेश्वर धाम प्रकाशीकरण परियोजना के पूर्ण होने के बाद अब रात्रि के समय आधुनिक प्रकाश व्यवस्था में मंदिरों की दिव्यता और भव्यता के दर्शन हेतु पर्यटकों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। यह परियोजना केवल एक तकनीकी कार्य नहीं, बल्कि देवभूमि उत्तराखंड की धार्मिक एवं आध्यात्मिक पर्यटन यात्रा का एक नया और प्रेरणादायक अध्याय बनकर उभरी है।





