उत्तराखण्ड
उत्तराखण्ड में राजनीतिक उठापटक के बाद, अब राज्य के इस गाँव ने किया विधानसभा चुनाव का बहिष्कार।
आजादी के बाद से अब तक विकास की तस्वीर व हकीकत देवभूमि के इस गाँव में अलग ही है, कुमाऊँ की आर्थिक राजधानी हल्द्वानी शहर से महज पांच किलोमीटर में बसें नकायल व विजयपुर गांव के लोगो द्वारा सूखी नदी में पुल की मांग देश आजाद होने के बाद से की जा रही हैं, कितनी सरकारें आई और गई, सभी राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव के समय यहां के ग्रामीणों को सिर्फ आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला।
बरसात के दिनों में इन गांवों का सम्पर्क पूरी तरह शहर से टूट जाता है। गौलापार नकायल गांव के ग्रामीणों ने हल्द्वानी के बुध पार्क में धरना प्रदर्शन करते हुए आगामी विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है। नकायल गांव के दर्जनों लोग भारी बारिश में भी बुध पार्क में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते रहे।
ग्रामीणों का कहना है कि 2013 में मुख्यमंत्री ने उनके गांव को जोड़ने के लिए सड़क और पुल की घोषणा की थी लेकिन 8 साल बाद भी ग्रामीण संघर्ष कर रहे हैं और हर साल बरसात में 3 महीने जान जोखिम में डालकर नकायल गांव के लोगों को जिंदगी जीनी पड़ती है। ग्रामीणों का कहना है की वो विकास के लिए ही जनप्रतिनिधियों को चुनते हैं और जब जनप्रतिनिधि ही विकास न कर सके तो जनप्रतिनिधि चुनकर क्या फायदा।
लिहाजा आगामी विधानसभा चुनाव में ग्रामीण पूरी तरह से चुनाव बहिष्कार करेंगे ग्रामीणों का कहना है कि अगर उससे पूर्व सड़क और पुल का काम शुरू हो जाता है तब ही ग्रामीण इस बारे में कुछ सोचेंगे अन्यथा ग्रामीणों की जनप्रतिनिधियों से पूरी तरह से उम्मीद टूट चुकी है। गौरतलब है कि क्षेत्रीय विधायक नवीन दुम्का भी कई बार ग्रामीणों को पुल और सड़क बनाने का आश्वासन दे चुके हैं। लेकिन ग्रामिणों को आज तक सिर्फ मायूसी ही हाथ लगी है।