उत्तराखण्ड
उत्तराखंड: खनन विभाग ने बनाया राजस्व का नया रिकॉर्ड, पारदर्शिता और सख्ती से मिली सफलता

देहरादून: उत्तराखंड खनन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए अब तक ₹1025 करोड़ का राजस्व अर्जित किया है, जो कि इस वर्ष के लिए निर्धारित ₹875 करोड़ के लक्ष्य से अधिक है। विभाग को उम्मीद है कि वर्ष के अंत तक यह आंकड़ा ₹1100 करोड़ से भी पार कर जाएगा। यह राज्य गठन के बाद पहली बार हुआ है जब खनन विभाग ने इतनी बड़ी राजस्व वृद्धि दर्ज की है।खनन विभाग द्वारा ई-निविदा और ई-नीलामी के माध्यम से 159 उपखनिज (बालू, बजरी, बोल्डर) खनन पट्टे और 2 सिलिका सैंड पट्टे आवंटित किए गए हैं। इससे न केवल पारदर्शिता आई है बल्कि अवैध खनन पर भी प्रभावी नियंत्रण स्थापित हुआ है।राज्य में अवैध खनन, परिवहन और भंडारण पर रोक लगाने के लिए विशेष प्रवर्तन दल (Enforcement Cell) और जिला अवैध खनन निरोधक दल गठित किए गए हैं।पिछले 5 वर्षों में अवैध खनन से जुड़े मामलों पर कार्रवाई करते हुए विभाग ने ₹74.22 करोड़ की वसूली की है।45 ऑटोमेटिक सर्विलांस सिस्टम से लैस माइन चेक पोस्ट बनाए जा रहे हैं, जिनमें नाइट विजन कैमरा और RFID रीडर जैसी आधुनिक तकनीक होगी।ऑनलाइन शिकायत निस्तारण प्रणाली और CM हेल्पलाइन 1905 के माध्यम से जनता की शिकायतों का त्वरित समाधान किया जा रहा है।खनन विभाग ने स्पष्ट किया कि स्टोन क्रेशर्स और स्क्रीनिंग प्लांट से खनिजों का परिवहन केवल अधिकृत रॉयल्टी प्रपत्रों के साथ ही किया जाता है। रात के समय खनिज निकासी की अनुमति इसलिए दी गई है ताकि यातायात बाधित न हो और दुर्घटनाओं से बचा जा सके।उत्तराखंड खनन विभाग के अनुसार, राजस्व वृद्धि और पारदर्शिता राज्य में अवैध खनन के आरोपों को गलत साबित करती है। विभाग ने यह भी कहा कि खनिज (अवैध खनन, परिवहन और भंडारण का निवारण) नियमावली 2021, संशोधित 2024 के तहत सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।







