उत्तराखण्ड
सूचना विभाग का यह अधिकारी जुटा अपने सेवा विस्तार की चापलूसी में…
देहरादून: कुमाऊँ में एक सूचना अधिकारी के चापलूसी के किस्से इन दिनों देहरादून सूचना निदेशालय में सुनने को मिल रहे है। महाशय को दो महीने बाद सेवानिवृत्त होना है, वह पिछले एक साल से सेवा विस्तार को लेकर नेतानगरी से लेकर आलाधिकारियों की भरपूर चापलूसी में जुटे हुए है। त्रिवेंद्र सरकार में उनके द्वारा कुछ आका बना लिए गए थे, फिर क्या था मुख्यमंत्री बदले तो सब कुछ बदल गया, तीरथ सरकार में अब फिर से उनकी मेहनत बरकरार है,
नए सूचना महानिदेशक तक अपने सेवा विस्तार को लेकर पैरवी करवाने को लेकर कुछ वरिष्ठ पत्रकारो और सफेदपोशो की देहली पर माथा टेक चुके है। महाशय तो कलाकारी में माहिर है झट से सामने वाले को चिकनी चुपड़ी बातों में फांस ही लेते है। इस अधिकारी पर हल्द्वानी के पत्रकारों का खुला आरोप रहता है कि इनके द्वारा पत्रकारों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच एक खाई खोदने का काम किया जाता है। अपने को पत्रकारों का गार्जियन की उपाधि भी स्वयं दे चुके हैं। कुछ बेबाक पत्रकारों को मान्यता का लालच दिया जाता है, तो छोटे व मझोले समाचार पत्रों को नियमितीकरण और सरकारी विज्ञापन मान्यता की धमकी दी जाती है। पत्रकारों को वैक्सीनेशन के मामले में अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हटते नज़र आये तो पत्रकारों का विरोध भी झेलना पड़ा, विरोध इतना उग्र हो चला कि रुद्रपुर में इन महाशय का पुतला तक फूंक डाला, तब भी अपनी अकड़ से बाज नहीं आये… पत्रकारों की वैक्सीनेशन को लेकर जानबूझ कर पत्रकारों के फॉर्म भरवाना और सूचना विभाग के दखल से जटिलता उत्पन्न करने का कार्य किया गया। महाशय इन दिनों अपने विभागीय काम पर ध्यान देने की बजाय चापलूसी की मंडी में सझधझ कर बैठे नज़र आते हैं।