उत्तराखण्ड
‘हरदा’ का ‘त्रिवेंद्र’ पर व्यंग्यात्मक तंज, जानिए क्यों की कड़कनाथ और उज्याडू बैल से की तुलना…
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने फिर तंज कसते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि भाजपा के त्रिवेंद्र सिंह रावत जी ने शुक्रवार की नमाज़ की छुट्टी को लेकर फिर मुझ पर तंज कसा है। खैर यह तंज उनका प्रयास है कि वो भी भाजपा की राज्य की राजनीति के मुख्य धारा में आ सकें। मगर त्रिवेंद्र सिंह जी इतना और बता दो राज्य के लोगों को कि क्या ऐसा कोई आदेश, शासनादेश, आधिकारिक पत्र जारी हुआ? क्या उत्तराखंड में नमाज़ अदा करने के लिए कहीं शुक्रवार की छुट्टी हुई? जरा इस तथ्य को खोज तो लीजिये।
एक झूठ जो भाजपा के ढोलचियों ने 2017 में फैलाया, अब आपके पास भी इसी झूठ को बखान करने के लिए मुख्यधारा में आने की पतवार हुई है, खैर मुझे कोई गिला नहीं है आपसे और सत्यता यह है कि मैंने, और मेरी सरकार ने ऐसी कोई छुट्टी का आदेश जारी नहीं किया, जिसमें हर शुक्रवार को नमाज़ पढ़ने के लिए लोगों को छुट्टी दी जाय और न किसी ने मांग की, हाँ एक बात जरूर है कि यदि मुझ पर कुछ तंज कसने से त्रिवेंद्र सिंह जी मुख्यधारा में आ सकते हैं तो वो तंज/बाण भी मुझे प्यारे लगेंगे क्योंकि मैं चाहता हूंँ कि हमारे राज्य के सब भूतपूर्व मुख्यमंत्रीगण, राज्य के विकास की अवधारणा पर अपनी-अपनी सोच को आगे लाते रहें एवं सक्रिय रूप से भागीदारी करें और त्रिवेंद्र सिंह जी तो वैसे भी कड़कनाथ थे,
उज्याड़ू_बल्दों को उज्याड़ खाने से रोकने का उन्होंने यथासंभव प्रयास किया। यह अलग बात है आदतन मजबूर उज्याड़ू बल्दों ने कहीं न कहीं मुंह डाल ही दिया था। लेकिन शायद इसलिये उनको अपनी सत्ता भी गवानी पड़ी।