उत्तराखण्ड
हल्द्वानी : उत्तराखंड में लागू हुई नई सड़क सुरक्षा नीति, 2030 तक हादसों में 50% कमी का लक्ष्य, RTO सुनील शर्मा ने दी जानकारी

उत्तराखंड सरकार ने सड़क सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाते हुए उत्तराखण्ड राज्य सड़क सुरक्षा नीति, 2025 को लागू कर दिया है। राज्यपाल की स्वीकृति के बाद यह नीति तत्काल प्रभाव से प्रभावी हो गई है। यह नीति वर्ष 2016 की पुरानी अधिसूचना को निरस्त करते हुए लागू की गई है। सरकार का उद्देश्य वर्ष 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत तक की कमी लाना है। नीति के तहत शिक्षा, प्रवर्तन, सड़क निर्माण, स्वास्थ्य सेवाएं, तकनीकी नवाचार और आपदा प्रबंधन सहित कुल 12 विभागों को विशिष्ट जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
आरटीओ सुनील शर्मा ने बताया कि यह नीति राज्य की पर्वतीय भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड में दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए यह नीति एक मील का पत्थर साबित होगी। इसमें सड़क सुरक्षा जागरूकता से लेकर अत्याधुनिक तकनीकों के उपयोग तक कई पहलुओं को शामिल किया गया है।”
प्रमुख बिंदु:
स्कूलों में सड़क सुरक्षा की शिक्षा अनिवार्य होगी।
पहाड़ी सड़कों पर क्रैश बैरियर अनिवार्य रूप से लगाए जाएंगे।
हाईवे पेट्रोलिंग, ड्राइवरों का AI आधारित प्रशिक्षण, और इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बढ़ावा मिलेगा।
सड़क दुर्घटना के घायलों को “गोल्डन आवर” के भीतर ट्रॉमा केयर देने की व्यवस्था होगी।
“गुड समेरिटन” योजना को प्रोत्साहन और फर्स्ट एड को ड्राइविंग लाइसेंस की अनिवार्यता में शामिल किया जाएगा।
नीति के सफल कार्यान्वयन के लिए राज्य सड़क सुरक्षा परिषद, अनुश्रवण समिति, और सड़क सुरक्षा कोष प्रबंधन समिति पहले से गठित हैं। अब इन समितियों को हर छह माह में बैठकें कर नीति की समीक्षा करनी होगी।
सरकार का कहना है कि यह नीति उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार तैयार की गई है और इसमें AI व आधुनिक तकनीक का अधिकतम प्रयोग सुनिश्चित किया जाएगा।







