उत्तराखण्ड
उत्तराखण्ड में भूमिया देवता का अलग महत्व, भू-कानून पर बोले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत…
देवभूमि उत्तराखंड में भू-कानून को लेकर सोशल मीडिया पर युवाओं ने जंग छेड़ दी है। अब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी पहाड़ को बचाने की मुहिम में उतर गए हैं।
उन्होंने साफ तौर पर अपने फेसबुक पेज पर कहा कि “हमारी देवभूमि में भूमिया देवता का महत्व आज का नहीं, प्राचीन काल का है। भूमिया देवता ने ही आज तक हमारी भूमि, हमारा परिवार- गांव, हमारी कला और संस्कृति को संरक्षित रखा। आज उन्हीं भूमिया देवता का आह्वाहन कर हमें उत्तराखंड और उत्तराखंडियत को बचाना है।”
साफ तौर पर युवाओं का मानना है कि वह अपने आने वाली पीढ़ी के लिए एक अच्छा उत्तराखण्ड देकर जाना चाहते है, इस लड़ाई से उत्तराखण्ड के पहाड़ और जंगल सुरक्षित रह सकें। पहाड़ो की ओर लगातार अन्य राज्यो के लोगो द्वारा जमीन खरीदी जा रही है, जिससे एक समय ऐसा आने वाला है जब उत्तराखण्ड का मूल निवासी ही भूमिहीन हो जाएगा।
इसलिए अभी से कड़े कदम उठाने जरूरी है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इस मुहिम में लगातार खड़े हैं। उन्होंने यह तक कहा कि अगर वह मुख्यमंत्री बनते है तो भू-कानून लाने में सहयोग करेंगे, ताकि प्रदेश की जनता को इसका लाभ मिल सके।