उत्तराखण्ड
कांग्रेस पर आरोप लगाने वाली भाजपा परिवारवाद को दे रही है बढ़ावा…
भारतीय जनता पार्टी हमेशा से कांग्रेस पर परिवारवाद को बढ़ाने का आरोप लगाते आई है, लेकिन उत्तराखंड में खुद भाजपा परिवारवाद को बढ़ावा दे रही है, उत्तराखंड में 2022 विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा नेता अपने पुत्रों राजनीति में एक्टिव मोड पर लाने का काम कर रहीं है।
ऐसे में सत्ताधारी दल भाजपा के कई बड़े मंत्रियों और विधायकों के टिकट कटने तय माने जा रहे हैं, ऐसे में जिन नेताओं के टिकट कट रहे हैं, वह अपने पुत्र और पुत्रियों को विधानसभा चुनाव का टिकट दिलाने के लिए उनकी ब्रांडिंग शुरू कर चुके हैं। उनकी तैयारियां भी करवा रहे हैं, चाहे वह बैठकों के माध्यम से हो या अपने प्रतिनिधि के तौर पर, उनको क्षेत्र में अधिकारियों के साथ भ्रमण करवाना।
सबसे पहले अगर बात की जाए तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक हरिद्वार से भाजपा के कई बार के विधायक हैं और उनका कद भाजपा में काफी बड़ा है, ऐसे में वह अपने पुत्र आयुष कौशिक को विधानसभा चुनाव की तैयारी करवाने के मूड में लग रहे हैं। उनके पुत्र आयुष कौशिक हाल ही में लंदन से पढ़ाई करके आए हैं और अब अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए आयुष कौशिक बैठक भी ले रहे।
वही सरकार के कद्दावर कैबिनेट मंत्री पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत भी कालाढूंगी विधानसभा सीट से अपने पुत्र विकास भगत को कालाढूंगी विधानसभा सीट से तैयारी करा रहे हैं। बंशीधर भगत अपने पुत्र को विधायक प्रतिनिधि के तौर पर जनता के बीच भेजते हैं। साथ ही अधिकारियों के साथ क्षेत्र का भ्रमण भी करवा रहें हैं, विकास भगत युवा मोर्चा के नैनीताल जनपद के अध्यक्ष और पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष युवा मोर्चा रह चुके हैं। वह अपने पिता की राजनीतिक विरासत को बढ़ाने के लिए पूरी ताकत लगाए हुए हैं।
पार्टी के कई ऐसे उम्र दराज और सीनियर विधायक हैं, जिनका टिकट विधानसभा चुनाव में पार्टी काट सकती है। ऐसे में वह अपनी राजनीतिक विरासत को अपने पुत्रों को देने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाए हुए हैं। भाजपा हमेशा से कांग्रेस को परिवारवाद वंशवाद को बढ़ावा देने वाली पार्टी कहती आई है। कार्यकर्ताओ की कांग्रेस में कोई पूछ नही होती है, लेकिन भाजपा उत्तराखंड में परिवारवाद को जन्म दे चुकी है। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस के दामन पर परिवारवाद का आरोप लगाने वाली भाजपा इन सब से ऊपर उठकर कार्यकर्ता आधारित पार्टी बन पाएगी…?