उत्तराखण्ड
प्रदेश की मलिन बस्तियों के साथ भाजपा कर रही है छल, जानिए क्यों अंधेरे में रख रही है सरकार…
पूर्व की कांग्रेस सरकार के समय मलिन बस्तियों को नियमितीकरण करने के लिए तीन श्रेणियां बनाकर नियमितीकरण का प्रस्ताव रखा गया था, जिसका जिओ सरकार द्वारा सितंबर 2016 में जारी किया गया था, लेकिन 2017 में भाजपा की सरकार आ गई और उसके द्वारा मलिन बस्तियों को नियमितीकरण करने के मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
भाजपा सरकार को इन सालों में मलिन बस्ती में रहने वाले लोगों को चीनी करण करके उनको पहचान पत्र दिया जाना चाहिए था, लेकिन सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया वर्ष 2018 में भाजपा सरकार द्वारा मलिन बस्तियों को लेकर एक नए एक्ट लाया गया कि इस पर तीन साल के अंदर काम करेगी, जिसकी मियाद अक्टूबर 2021 में पूरी होनी है।
लेकिन उससे पहले ही प्रदेश की भाजपा सरकार ने यह बात कह दी कि वर्ष 2024 तक राज्य के अंदर किसी भी मलिन बस्ती को नहीं तोड़ा जाएगा। प्रदेश की भाजपा सरकार ने साड़े चार सालों में विकास से जुड़े कोई भी काम नहीं किए गए, जिससे जनता को यह विश्वास हो सके कि भाजपा काम करने वाली पार्टी है। कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि प्रदेश के अंदर 600 के आसपास मलिन बस्तियां हैं। जिनमें लाखों की संख्या में लोग रहते हैं ऐसे में उनको विश्वास दिलाना बहुत जरूरी है कि उनकी बस्तियों को नियमित किया जाएगा। कांग्रेस सत्ता में आती है तो मलिन बस्ती को नियमितीकरण करने का कार्य तत्काल किया जाएगा।